चीनी वैज्ञानिकों से भी ज्यादा खतरनाक निकले अमेरिकी वैज्ञानिक, कुत्तों के साथ 'जानवरों' जैसी रिसर्च
अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. एंथनी फाउची का कुत्तों से खतरनाक रिसर्च उजागर हो गया है और डॉ. फाउची को गिरफ्तार करने और सख्त सजा देने की मांग की जा रही है।
वॉशिंगटन, अक्टूबर 25: चीन के वैज्ञानिकों के ऊपर जानवरों के साथ क्रूर रिसर्च करने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन अमेरिकी वैज्ञानिकों ने तो क्रूरता की सारी हदों को ही तोड़ दिया है। अमेरिका के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और संक्रमण रोक विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची ने छोटे छोटे कुत्तों के ऊपर बेहद खौफनाक रिसर्च किया है, जिसको लेकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। डॉ. एंथनी फाउची वही डॉक्टर हैं, जिनके ऊपर चीन के वुहान लैब को आर्थिक मदद देने का आरोप लगा था, जहां से कोरोना वायरस उत्पन्न होने की आशंका कई वैज्ञानिकों ने जताई हुई है।
डॉ. एंथनी फाउची की क्रूरता!
अमेरिका में डॉ. एंथनी फाउची की जानवरों पर क्रूर प्रयोग करने और टैक्सपेयर्स के पैसों को गलत जगहों पर इस्तेमाल करने के लिए निंदा की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, डॉ. एंथनी फाउची ने जानवरों के साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. एंथनी फाउची के प्रयोगशाला में पिंजरों में छोटे छोटे कुत्तों को बंद करके रखा गया था और उनके ऊपर काटने वाली मक्खियों को छोड़ दिया गया था, ताकि मक्खियां उन कुत्तों को जिंदा खा सके। इसके अलावा कुछ और तस्वीरें सार्वजनिक की गई हैं, जिसमें देखा जा रहा है कि पिंजरों में बंद कुत्तों को पहले गूंगा कर दिया गया और फिर उन्हें ड्रग्स दिया गया। जिसके बाद बेहद दर्दनाक अवस्था में उन कुत्तों की मौत हो गई।
प्रयोगशाला में हैवानियत
रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. एंथनी फाउची के 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज' द्वारा वित्त पोषित सबसे परेशान करने वाली घटनाओं में से एक ट्यूनीशियाई अनुसंधान प्रयोगशाला को दिए गए 375, 000 डॉलर की रिसर्च थी। जहां कुत्ते के छोटे छोटे पिल्लों को पिंजरों में बंद कर उनके साथ रिसर्च किया गया है और प्रयोगशाला के अंदर पिल्लों के ऊपर रेत में रहने वाली जंगली मक्खियों को छोड़ दिया गया और फिर ये रिसर्च किया गया कि, जिंदा कुत्तों को जब जंगली मक्खियां खाती हैं, तो ऊनके ऊपर क्या प्रभाव पड़ता है। ये रिसर्च काफी खौफनाक थे और रिपोर्ट में कहा गया है कि, छोटे छोटे पिल्लों की काफी भयानक और खौफनाक मौत हुई।
पिल्लों से अमानवीयता
रिपोर्ट के मुताबिक, जो तस्वीरें सामने आईं हैं, वो काफी ज्यादा परेशान करने वाली हैं। इन तस्वीरों में देखा जा रहा है कि, कुत्तों के पिल्ले पिंजरे के अंदर भूखे जंगली कीड़ों के साथ मौजूद हैं। वहीं, डॉ. एंथनी फाउची की प्रयोगशाला ने 18 लाख डॉलर की लागत से एक और रिसर्च किया है, जिसमें 44 बीगल पिल्लों को 'कॉर्डेक्टॉमी' से गुजरते हुए देखा गया है और सबसे खतरनाक बात ये थी कि, इस दौरान उनके गले के अंदर आवाज वाली नली को काट दिया गया था। यानि, वो दर्द भौंक नहीं सकते थे, उनके मुंह से आवाज नहीं निकल सकती थी। कैलिफोर्निया के मेनलो पार्क में हुए उस प्रयोग में देखा गया कि, कुत्तों को मारने और उनके अंगों को काटने से पहले उन्हें भारी मात्रा में ड्रग्स दिया गया था।
सांसदों ने मांगा फाउची से जवाब
इसके साथ ही अमेरिका के जॉर्जिया में भी डॉ. एंथनी फाउची की प्रयोगशाला ने एक रिसर्च किया है, जिसकी लागत करीब चार लाख 25 हजार डॉलर थी। इस रिसर्च के दौरान भी कुत्तों के साथ अमानवीयता की गई है। डॉ. एंथनी फाउची की इस क्रूरता के खिलाफ अमेरिका में जवाब की मांग की जा रही है और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव नैन्सी मेस (आर-एससी) के नेतृत्व में 24 सांसदों के एक समूह ने डॉ. एंथनी फाउची से उन प्रयोगों के बारे में जवाब देने की मांग की की है, जिन्हें वे 'क्रूर' और 'टैक्सपेयर्स के पैसों का खतरनाक इस्तेमाल' मानते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये तमाम प्रयोग अमेरिका की 'नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज' के फंडिंग से किए गए थे, जिसके डायरेक्टर डॉ. एंथनी फाउची 1984 से ही हैं।
रूह कंपाने वाला रिसर्च
दो हफ्ते पहले 'व्हाइट कोट वेस्ट' प्रोजेक्ट को लेकर खुलासा किया गया है, जिसमें पता चला है कि, कैलिफोर्निया में मेनलो पार्क में श्री इंटरनेशनल लैब में 44 बीगल्स पर करीब 17 लाख डॉलर की लागत से रिसर्च किया गया है। जिसमें कुत्तों के अंदर गर्भनाल लगाए गये थे, वो भी उन्हें बगैर बेहोश किए हुए। इस दौरान बीगल्स को ड्रग्स की खतरनाक डोज दी गई थी और उनके शरीर के कई अंगों को काटा गया था और फिर उन्हें मार दिया गया था। इसके साथ ही दूसरे खुलासे में कहा गया है कि, ट्यूनीशिया में बीगल पिल्लों को ड्रग्स देने के लिए डॉ. एंथनी फाउची ने तीन लाख 75 हजार 800 डॉलर का भुगतान किया था, जिसमें कुत्तों के सिर को पिंजरों में बंद कर दिया गया था, ताकि रेत में रहने वाली संक्रमित मक्खियां उनके सिर को खा सकें।
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व्हाइट कोट वेस्ट प्रोजेक्ट पर आरोप
डॉ. एंथनी फाउची की प्रयोगशाला ने इससे पहले मैरीलैंड के बेथेस्डा के एक लैब में यही प्रयोग किया था, जिसमें 22 महीनों तक कुत्तों के सिर को पिंजरे में अंदर बांधकर रखा गया था और रेतीली मक्खियों को उनके सिर को खाने के लिए छोड़ दिया गया था। 'व्हाइट कोट वेस्ट प्रोजेक्ट' पर आरोप लगा है कि, कुत्तों को मारने से पहले उनके अंदर इन्फेक्शन डेवलप किया गया और फिर उनके अंगों को काटा गया। इस दौरान कुल एक करोड़ 84 लाख 30 हजार 917 डॉलर खर्च किए गये।
कड़ी कार्रवाई की मांग
एडवोकेसी एंड पब्लिक पॉलिसी एट टैक्सपेयर्स वाचडॉग के वायस प्रेसिडेंट जस्टिन गुडमैन ने डेलीमेल से कहा कि, ''हमारे टैक्स के पैसों से कुत्तों को जहर देना, उनके अंगों को काटना और क्रूर रिसर्च करना राष्ट्रीय शर्म की बात है और इस मामले को लेकर अमेरिका की दोनों पार्टियां एक साथ हैं और वो इस 'सरकारी कचरे' के लिए एनएचआई को जिम्मेदार ठहराने और कार्रवाई की मांग करते हैं। वहीं, डेली मेल ने जब डॉ. एंथनी फाउची और उनके प्रयोगशाला से इस बाबत जवाब जानना चाहा, तो उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया। डॉ. एंथनी फाउची पर अमेरिकी कांग्रेस से झूठ बोलकर पशु परीक्षण करने के आरोप सामने आए हैं, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने COVID बनाने के लिए दोषी ठहराए गए वुहान लैब में गेन-ऑफ-फंक्शन रिसर्च को फंड नहीं किया था।