अमेरिकी कंपनी बोली, सिर्फ Indian Air Force को ही देना चाहते हैं F-21 जेट्स
वॉशिंगटन। एरोस्पेस क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक लॉकहीड मार्टिन का कहना है कि अगर भारत उसके साथ 114 एफ-21 फाइटर जेट्स की डील को फाइनल करता है तो फिर यह जेट किसी और देश को नहीं बेचा जाएगा। माना जा रहा है कि कंपनी की तरफ से यह ऑफर रूस और यूरोप की प्रतिद्वंदी कंपनियों को टक्कर देने के मकसद से भारत को दिया गया है। आपको बता दें कि 27 फरवरी को इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के मिग-21 ने पाकिस्तान के जिस एफ-16 जेट को ढेर कर दिया था, उसे लॉकहीड मार्टिन ही बनाती है।
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सिर्फ भारत के पास होगी ऐसी टेक्नोलॉजी
विवेक लाल जो कंपनी की रणनीति और बिजनेस डेवलपमेंट मामलों के वाइस प्रेसीडेंट हैं, उनका कहना है कि अगर एफ-21 ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया तो फिर भारत को कंपनी के ग्लोबल फाइटर इको-सिस्टम में शामिल कर लिया जाएगा जो हकि 165 बिलियन डालर का पूरा बाजार है। पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में लाल ने बताया कि नए कॉम्बेट जेट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसे भारत के 60 एयरफोर्स स्टेशनों पर ऑपरेट किया जा सके। इसके अहम बिंदुओं में सबसे ऊपर है इसकी इंजन, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम इसकी हथियार ढोने क क्षमता। विवेक लाल के शब्दों में, 'हम इस प्लेटफॉर्म और इस कनफिगरेशन को दुनिया में किसी को भी नहीं बेचेंगे। यह लॉकहीड मार्टिन की ओर से किया गया वादा है और इससे पता लगता है कि भारत हमारे लिए क्या अहमियत रखता है। साथ ही भारत की खास जरूरतों की हमारे लिए क्या खासियत है।'
हाल ही में निकाले गए हैं टेंडर
पिछले माह इंडियन एयरफोर्स की ओर से एक आरएफआई यानी रिक्वेस्ट फॉर इनफॉर्मेशन यानी जिसे आरंभिक टेंडर कहते हैं, उसे जारी किया गया है। यह टेंडर के तहत 18 बिलियन डॉलर की लागत से 114 फाइटर जेट्स के लिए है। कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में यह दुनिया का सबसे बड़ी मिलिट्री खरीद होने वाली है। इस टेंडर में जो प्रतिद्वंदी रेस में हैं, उनमें लॉकहीड मार्टिन का एफ-21, बोइंग एफ/ए-18, डसॉल्ट एविएशन का रफाल, यूरोफाइटर का टायफून, रूस का मिग-35 और स्वीडन की कंपनी साब का ग्रिपेन फाइटर जेट है। आधिकारिक सूत्रों की ओर से बताया गया है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद एयरफोर्स इस डील को जल्द से जल्द फाइनल करना चाहती है ताकि क्षेत्र में मौजूद सुरक्षा चुनौतियों से निबटा जा सके।
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