अमेरिका बोला- कोरोना वायरस की वैक्सीन के डाटा हैक करने की कोशिश कर रहा है चीन
वॉशिंगटन। अमेरिका की जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (एफबीआई) और होमलैंड सिक्योरिटी की तरफ से चीन को चेतावनी देने की तैयारी की जा रही है। अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाया है कि उसके हैकर्स और जासूस कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट से जुड़ी रिसर्च का डाटा चुराने की कोशिश में लगे हुए हैं। अमेरिका कहना है कि चीन के साथ कुछ और देश उसकी मदद कर रहे हैं और वह महामारी का फायदा उठाने की ताक में हैं। जो भी देश कोरोना वायरस की वैक्सीन को सबसे पहले डेवलप करेगा उसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बड़ा कूटनीतिक फायदा होगा।
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यूके ने भी कही थी ऐसी बात
न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से बताया गया है कि इजरायल के अधिकारियों ने ईरान पर अप्रैल माह में आरोप लगाया था कि वह पानी की सप्लाई बाधित कर सकता है। हालांकि सरकार की तरफ से इस बात को साबित करने के लिए कोई भी प्रमाण नहीं दिए गए थे। अमेरिका की तरफ से अब यह अलर्ट इजरायल की उस जानकारी के बाद ही आया है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक करीब एक दर्जन देश ऐसे हैं जिन्होंने सेना के अलावा उन हैकर्स को तैनात किया जो किसी भी साइबर अटैक देने में सक्षम हों। कुछ दिनों पहले ब्रिटेन के अखबार डेली मेल की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम (यूके) में रिसर्च लैब्स को हैक करने की कोशिशें की जा रही है।
चीन, रूस और ईरान पर शक
रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन, रूस और ईरान के हैकर्स लगातार स्वास्थ्य संगठनों पर नजर रख रहे हैं। अखबार के मुताबिक हैकिंग की कोशिश उस समय की गई जब यूरोपियन लीडर्स ने कोरोना की वैक्सीन को डेवलप करने के लिए 6.5 मिलियन पौंड की धनराशि जुटाने का संकल्प लिया है। यूके के विदेश मंत्री डॉमनिक रॉब ने भी इस बात की पुष्टि की है कि लैब को हैक करने की कोशिशें की गई हैं। अमेरिका की साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी के अलावा यूके की नेशनल साइबर सिक्योरिटी सेंटर की तरफ से कहा गया है कि अपराधियों की तरफ से उन संगठनों पर हमले की कोशिशें की जा रही हैं जो कोरोना की दवा तलाशने में लगे हुए हैं।