अमेरिका ने कहा आर्टिकल 370 भारत का आतंरिक मामला, पीएम मोदी के साथ ट्रंप करेंगे कश्मीर पर चर्चा
वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फ्रांस के बियारिट्ज में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करने वोल हैं। इन दोनों की मीटिंग से पहले अमेरिका ने एक बार फिर से कहा है कि आर्टिकल 370 पूरी तरह से भारत का आतंरिक मामला है। हालांकि इसके साथ ही अमेरिका ने इस बात की जानकारी भी दी है कि ट्रंप और मोदी, कश्मीर पर वार्ता करेंगे। आपको बता दें कि पिछले दिनों फिर से राष्ट्रपति ट्रंप ने कश्मीर मामले में मध्यस्थता की पेशकश की है।
शनिवार को होनी है मीटिंग
राष्ट्रपति ट्रंप के प्रशासन से जुड़े एक सीनियर ऑफिसर की ओर से गुरुवार को उनके जी-7 के एजेंडा के बारे में जानकारी दी जा रही थी। इसी दौरान बताया गया कि शनिवार को होने वाले इस सम्मेलन में राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तान से भी अपील करेंगे कि वह सीमा पार से जारी आतंकवाद और घुसपैठ पर लगाम लगाए। इसके अलावा उन आतंकी संगठनों को भी रोके जो भारत में हमलों की साजिश रचते हैं। ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि इस बात की पूरी उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर चर्चा होगी। ट्रंप इस दौरान पीएम मोदी से क्षेत्रीय तनाव को कम करने के उपायों पर बात कर सकते हैं। साथ ही कश्मीर में मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर भी बात हो सकती है।
भारत ने नहीं की मध्यस्थता की पेशकश
अमेरिका ने यह बात मानी है कि आर्टिकल 370 भारत का आतंरिक मामला है लेकिन निश्चित तौर पर इसका क्षेत्रीय संबंध है। ट्रंप इस दौरान सभी पक्षों से बातचीत की अपील कर सकते हैं और साथ ही कश्मीर में जारी पाबंदियों को हटाने के लिए भी कह सकते हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश पर ऑफिसर की ओर से कहा गया कि अमेरिका दोनों पक्षों की मदद करने और क्षेत्र में तनाव को कम करने के लिए तैयार है। अगर भारत और पाकिस्तान चाहें तो ट्रंप यह कर सकते हैं। इसके साथ ही ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन के इस ऑफिसर की ओर से पहली बार आधिकारिक तौर इस बात की पुष्टि की गई है कि अभी तक भारत की ओर से मध्यस्थता के लिए किसी भी तरह का कोई औपचारिक अनुरोध नहीं किया गया है।
बार-बार मध्यस्थता की पेशकश करते ट्रंप
22 जुलाई को जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान के पीएम इमरान से व्हाइट हाउस में मुलाकात की थी तो उन्होंने पीएम मोदी का नाम लेते हुए कहा था कि वह चाहते हैं अमेरिका, कश्मीर मसले में मध्यस्थता करे। भारत ने तुरंत ही ट्रंप के इस बयान का खंडन किया था और कहा था कि कश्मीर मुद्दा सिर्फ द्विपक्षीय वार्ता से ही हल हो सकता है। इसके अलावा भारत की तरफ से यह बात भी स्पष्ट कर दी गई थी कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाएगा किसी भी तरह की वार्ता संभव नहीं है। इसके बाद ट्रंप ने एक बार और मध्यस्थता की पेशकश की थी और भारत ने फिर से इसे खारिज कर दिया था।