खतरों और चुनौतियों को भांपने के बाद मोसुल पहुंची अमेरिकी सेना
एक बार फिर से इराक के मोसुल में अमेरिकी सेनाएं पहुंच गई हैंं। अमेरिका ने आईएसआईएस के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी जंग छेड़ दी है।
मोसुल। एक बार फिर अमेरिकी सेनाएं मोसुल में हैं और इराक के साथ मिलकर अमेरिका ने आईएसआईएस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है। राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनके प्रशासन ने इस शहर में लड़ाई तो छेड़ दी है लेकिन पुरानी गलती भी दोहराने से नहीं चूके हैं।
कैसे संभलेगा इराक का प्रशासन
इराक और अमेरिका दोनों ही इस बात का अंदाजा नहीं लगा पाए हैं कि एक बार जब यह जगह आईएसआईएस के आतंकियों से आजाद हो जाएगी तो फिर इस क्षेत्र का प्रशासन कैसे संभलेगा।
इस बात की जानकारी खुद अमेरिकी अधिकारियों ने दी है। अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात का पता लगा लिया है कि मोसुल के लिए जो योजना उन्होंने तैयार की है उसमें कितना खतरा है।
अमेरिकी अधिकारियों की चिंता
अमेरिकी अधिकारियों को इस बात की भी चिंता है कि आईएसआईएस की हार मोसुल में उन लोगों को एक मौका दे सकती है जो कट्टरपंथी हैं।
उनका कहना है कि आईएसआईएस इराक में मौजूद सेना को काफी नुकसान पहुंचा रहा था। इसलिए यही समय था जब उन पर हमला बोलना चाहिए था।
कैसे आएगी स्थिरता
अधिकारियों के मुताबिक मोसुल में हमले के बाद जो हजारों लाखों लोग इस जगह को छोड़कर जाएंगे, उन्हें किसी जगह पर स्थानांतरित करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। इसके बाद कुछ मौलिक मुद्दे जैसे भविष्य में इराक में स्थिरता, भी काफी अहम होने वाले हैं।