पाकिस्तान लश्कर-जैश जैसे आतंकी संगठनों की फंडिंग, ट्रेनिंग कैंप बंद करने में नाकाम: अमेरिकी रिपोर्ट
नई दिल्ली। पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और दूसरे आतंकी संगठन लगातार ना सिर्फ चल रहे हैं, बल्कि फंडिंग भी पा रहे हैं। पाक सरकार के दावों के उलट ये संगठन नए लोगों को भर्ती कर उन्हें आतंक की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में ये बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक लश्कर और जैश जैसे संगठनें की फंडिग और ट्रेनिंग रोकने में नाकाम रहा है।
'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म 2018' के नाम से रिपोर्ट
'कंट्री रिपोर्ट ऑन टेरेरिज्म 2018' के नाम से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपनी जमीन पर अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क पर लगाम लगाने के लिए कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की है। पाकिस्तान इन आतंकी संगठनों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने पर रोक लगा पाने में नाकाम साबित हुआ , जबकि पाकिस्तान अफगान सरकार और तालिबानियों के बीच राजनीतिक समन्वय की खुलकर वकालत करता है।
टास्क फोर्स FATF का जिक्र
रिपोर्ट में फाइनेंसियल टास्क फोर्स FATF का भी जिक्र किया गया है जिसने पाकिस्तान से लश्कर जैसे आतंकी संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को लागू न करने पर खिंचाई की है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान पर 2018 में कई आतंकी हमले हुए लेकिन वह बीते सालों की तुलना में काफी कम थे लेकिन आतंकी संगठनों ने बलूचिस्तान और सिंध में सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों और डिप्लोमैटिक लगातार निशाना बनाया।
आतंकी लड़े पाक में चुनाव
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी किए गए रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि पिछले साल हुए चुनाव में आतंकी नेताओं को भी चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई। बता दें कि बीते साल पाकिस्तान के आम चुनाव में वैश्विक आतंकी घोषित हाफिज सईद ने पार्टी बनाकर प्रत्याशी उतारे था। हालांकि वहां की जनता ने उसे नकार दिया था।
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