अमेरिका ने ईरान पर फिर से लगाए प्रतिबंध, ट्रंप बोले तेहरान को रोकने का यही आखिरी रास्ता
वॉशिंगटन। अमेरिका ने मंगलवार को फिर से नए और एकतरफ प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों के साथ ही ईरान पर फिर से वही प्रतिबंध और सजा लागू हो गए हैं जिन्हें साल 2015 में हटा लिया गया था। आपको बता दे कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ परमाणु समझौता हुआ था। इस समझौते को एतिहासिक समझौते की संज्ञा दी जाती है। लेकिन इस वर्ष मई में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को खत्म कर दिया था। इसी वजह से ईरान पर पुराने प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया गया है।
ट्रंप का चुनावी वादा
अमेरिका की ओर से ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों को अमेरिकी समयानुसार रात 12 बजे लागू किया गया। ईरान के नागरिकों को इन प्रतिबंधों का असर महससू होने लगा है। जब से ट्रंप ने परमाणु डील को रद्द करने का फैसला किया ईरान की मुद्रा रियाल की कीमत करीब आधी हो गई है। ट्रंप जिस समय अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे, उसी समय उन्होंने परमाणु डील से अमेरिका को बाहर करने का वादा किया था। सोमवार को एक बार फिर से ट्रंप, इस डील पर जमकर बरसे। उन्होंने एक बार फिर से इस डील को 'खतरनाक' और 'एक-पक्षीय' डील करार दिया था।
ट्रंप का कहना था कि इस डील से किसी भी तरह के लक्ष्य हासिल नहीं हो सके हैं जो ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने से जुड़े थे। हालांकि ब्रिटेन, चीन, जर्मनी, फ्रांस, रूस और यूरोपियन यूनियन ने ट्रंप से अपील की थी कि वह इस डील को रद्द न करें। सोमवार को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा ईरान पर इन नए प्रतिबंधों का मकसद ईरान पर वित्तीय दबाव बनाना है। ट्रंप का मानना है कि ईरान के खतरे के जवाब में बस यही एक आखिरी विकल्प रह गया है जिसके जरिए ईरान को मिसाइल और क्षेत्र में खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को अंजाम देने से रोका जा सकता है। ये भी पढ़ें-बांग्लादेश: रंग लाया छात्रों का विरोध, अब सड़क हादसे में मिलेगी मौत की सजा