US Election 2020: अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों की चेतावनी, रूस-ईरान कर रहे चुनावों में हस्तक्षेप की कोशिशें
वॉशिंगटन। अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति के लिए वोट डाले जाएंगे और इससे पहले एक बार फिर चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के आरोप लगने लगे हैं। अमेरिकी इंटेलीजेंस अधिकारियों ने कहा है कि साल 2016 की तरह इस बार भी रूस चुनावों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो इस बार उसे इसमें ईरान की मदद मिल रही है। अमेरिकी अधिकारियों ने चेतावनी है और कहा है कि कई तरह की झूठी जानकारियां फैलाकर रूस और ईरान चुनावों को प्रभावित करने में लगे हैं।
यह भी पढ़ें-अमेरिकी चुनावों से पहले बढ़ी साउथ चाइना सी पर हलचल
FBI डायरेक्टर ने भी कही यह बात
नेशनल इंटेलीजेंस के डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में कहा, 'हमारे पास इस बात की जानकारी है कि कुछ वोटर रजिस्ट्रेशन जानकारी ईररान और रूस ने हासिल कर ली है। इस डेटा का प्रयोग कुछ विदेशी ताकतें झूठे तथ्य फैलाने में कर रही हैं। हम हर अमेरिकी से अपील करते हैं कि वो उन ताकतों से सुरक्षा के लिए अपनी तरह से योगदान दें जिनका मकसद हमें नुकसान पहुंचाना है।' रैटक्लिफ ने कहा है कि इस तरह की कोशिशों को सफल न होने दें। रैटक्लिफ से पहले जांच एजेंसी एफबीआई के डायरेक्टर क्रिस्टोफर वारे ने भी इसी तरह की बातें कही थीं। उन्होंने कहा था कि ईरान का मकसद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा चुनाव को असफल करना है। क्रिस्टोफर के शब्दों में, 'हमने पहले ही देखा है कि किस तरह से ईरान झूठे मेल भेजकर वोटर्स को डराने, सामाजिक अव्यवस्था को बढ़ाने और राष्ट्रपति ट्रंप को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर चुका है।' अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने पहले भी कहा था कि साल 2016 की ही तरह ट्रंप के चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए रूस विदेशी ताकत का सहारा ले रहा है।