अमेरिकी सरकार की कई वेबसाइटों का होगा भारतीय भाषाओं में अनुवाद, हिंदी, पंबाजी समेत ये भाषाएं शामिल
फूल कमीशन ने इस महीने की शुरूआत में बैठक करने के बाद अपनी सिफारिश रिपोर्ट अमेरिकी सरकार को सौंपते हुए कहा कि, संघीय एजेंसियों को अपनी वेबसाइटों पर कई एशियन और एनएचपीआई भाषाओं अनुवाद करना चाहिए...
वॉशिंगटन, मई 27: बहुत जल्द अमेरिकी सरकार की कई प्रमुख वेबसाइट का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। अमेरिका में रहने वाले अलग अलग भाषाओं में बोलने वाले भारतीयों और एशिया के लोगों के लिए कई भाषाओं में अमेरिकी वेबसाइट का अनुवाद करने की सिफारिश की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा भारतीय भाषाएं हैं।
कौन-कौन से भारतीय भाषा शामिल?
अमेरिकी राष्ट्रपति आयोग ने प्रमुख सरकारी वेबसाइटों, जैसे व्हाइट हाउस और अन्य संघीय एजेंसियों के वेबसाइट का हिंदी, गुजराती और पंजाबी सहित एशियाई-अमेरिकियों और प्रशांत द्वीपवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में अनुवाद की सिफारिश की है। इन भाषाओं को शामिल करने के लिए सिफारिशों की एक श्रृंखला को हाल ही में एशियाई अमेरिकियों (एए), मूल हवाईयन और प्रशांत द्वीपसमूह (एनएचपीआई) पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग द्वारा अनुमोदित किया गया था।
सरकार से की गई सिफारिश
फूल कमीशन ने इस महीने की शुरूआत में बैठक करने के बाद अपनी सिफारिश रिपोर्ट अमेरिकी सरकार को सौंपते हुए कहा कि, संघीय एजेंसियों को अपनी वेबसाइटों पर कई एशियन और एनएचपीआई भाषाओं अनुवाद करना चाहिए और महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल सामग्री और फॉर्म भी अलग अलग भाषाओं में उपलब्ध कराने चाहिए। इसके साथ ही फूल कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की है, कि जिन लोगों के पास अंग्रेजी की ज्यादा जानकारी नहीं है, ऐसे व्यक्तियों के लिए सार्वजनिक और आपातकालीन अलर्ट उनकी भाषाओं में उपलब्ध होने चाहिए। फूल कमीशन ने इसके अलावा सिफारिश की है, सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि, आपातकालीन/आपदा रोकथाम, योजना, सरकार की प्रतिक्रिया, शमन, और पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन करना चाहिए, कि सीमित अंग्रेजी जानने वाले लोगों को भी कोई दिक्कत नहीं आए।
भारतीय भाषाओं में चुनाव अभियान
रिपोर्ट के मुताबिक, फूल कमीशन की ये सिफारिश रिपोर्ट अब व्हाइट हाउस में भेजी जाएगी और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद इसपर काम शुरू हो जाएगा। आपको बता दें कि, अलग अलग भाषाओं को शामिल करने के लिए साल 2020 में बाइडेन की डेमोक्रेकिट पार्टी के उम्मीदवार इंडियन अमेरिकी अजय जैन भुटोरिया ने कैंपेन चलाया था और उन्होंने राष्ट्रपति बाइडेन को अपनी सिफारिश भेजी थी और बाइडेन को अजय भुटोरिया के भारतीय भाषाओं में चलाए गये कैंपेन से काफी ज्यादा फायदा हुआ था। साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हिंदी के अलावा गुजराती, पंजाबी और तमिल, तेलुगू के अलावा कई और भारतीय भाषाओं में कैंपेनिंग की गई थी, जिससे बाइडेन की पार्टी ने भारतीय समुदाय के लोगों का दिल छूने में काफी कामयाबी हासिल की थी।
कौन हैं अजय जैन भुटोरिया?
आपको बता दें कि, अजय जैन भूटोरिया अमेरिका के प्रतिष्ठित उद्योग हब सिलिकॉन वैली में एक प्रख्यात कारोबारी हैं और अब वो राष्ट्रपति जो बाइडेन की एशियन-अमेरिकन-हवाईयन एडवाइजरी कमीशन के एक सदस्य हैं और उन्होंने ही आयोग की बैठक के दौरान तर्क दिया था कि, कि अगर सरकारी कार्यक्रमों, कैंपने या घोषणाओं की जानकारी अलग अलग भाषाओं में दी गई, तो कम्युनिकेशन गैप को भरने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि, संघीय सरकारी एजेंसी की जानकारी और पहुंच के लिए बहुभाषी पहुंच के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अमेरिकी सरकार के दिशानिर्देशों को पहले से ही पूरा करने में मदद करेगा।
अमेरिका में तेजी से बढ़ रहे एशियाई
अमेरिका में एशियाई अमेरिकी, मूल हवाईयन, प्रशांत द्वीपसमूह की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जिसके 2060 तक 4 करोड़ का आकंड़ा पार करने की उम्मीद है। वहीं, 2020 की जनगणना के आधार पर, अमेरिका में करीब ढाई करोड़ ऐसे लोग रहते हैं, जो अपने घर में अपनी स्थानीय भाषा बोलते हैं और जिनके बाद अंग्रेजी की सीमित क्षमता है। वहीं, एशियन अमेरिकन और एनएचपीई समुदायों में करीब एक करोड़ 65 लाख ऐसे लोग हैं, जिनके पास अंग्रेजी की सीमित या काफी कम क्षमता है।
जीवंत अमेरिका बनाने में मदद
लिहाजा, आयोग के समक्ष प्रस्तुत अपने प्रस्ताव में भूटोरिया ने कहा कि, एएपीआई ने एक मजबूत और जीवंत अमेरिका बनाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि, एशियन अमेरिकन और एनएचपीआई व्यक्तियों और परिवारों और समुदायों ने एक विविध संस्कृति और विविध अमेरिका का निर्माण किया है, लिहाजा उनतक उनकी भाषा में जानकारियां पहुंचानी चाहिए। वहीं, प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि, वे एक महत्वपूर्ण आर्थिक भूमिका निभाते हैं, व्यवसाय शुरू करते हैं और रोजगार पैदा करते हैं जो मजदूरी और टैक्स के जरिए अरबों डॉलर का भुगतान करते हैं, एशियन अमेरिका, हमारे देश के कुछ सबसे सफल और अभिनव उद्यमी बनकर ऊभरे हैं।
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