बाइडेन ने फिर बदला ट्रंप सरकार का फैसला, भारतीयों को मिली बड़ी राहत
अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने एच-1B वीजा को लेकर ट्रंप सरकार की नीतियों को टालने का बड़ा फैसला किया है। बाइडेन सरकार ने आव्रजन एजेंसी को लॉटरी सिस्टम 31 दिसंबर 2021 तक जारी रखने का वक्त दिया है।
H-1B Visa policy lottery system continue : अमेरिका में सरकार बदलने के बाद लगातार पिछली ट्रंप सरकार के फैसले भी बदले जा रहे हैं। नई बाइडेन सरकार ने जहां पहले डोनाल्ड ट्रंप को किसी भी तरह की खुफिया जानकारी दिए जाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। वहीं अब प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने एच-1 B वीजा को लेकर ट्रंप सरकार की नीतियों को टालने का बड़ा फैसला किया है।
इसके लिए बाइडेन सरकार ने आव्रजन एजेंसी को लॉटरी सिस्टम 31 दिसंबर 2021 तक जारी रखने का वक्त दिया है, जिसको रजिस्ट्रेशन सिस्टम और चेकिंग के साथ सही तरीके से बनाया जा सके। बाइडेन सरकार के इस फैसले के बाद से आईटी सेक्टर में काम करने वाले भारतीयों को बड़ी राहत मिली है।
आपको बता दें कि विदेश में काम करने के लिए वीजा के तौर पर एच-1 बी वीजा भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय है। इससे पहले पिछली साल 7 जनवरी को ट्रंप सरकार ने इस वीजा को लेकर नई नीतियों का ऐलान किया था। जिसके तहत मौजूदा लॉटरी सिस्टम को खत्म करने के साथ ही वेतन और मेरिट पर आधारित वीजा देने का ऐलान किया था। उस वक्त ये माना जा रहा था कि इससे भारतीयों की मुश्किलें बढ़ेगी।
ट्रंप सरकार का ये फैसला 9 मार्च से लागू किया जाना था, लेकिन अब बाइडेन सरकार के फैसले के बाद फिर से राहत मिली है। दरअसल, उस वक्त अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा ( USCIS) ने कहा था कि वह अमेरिकी श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए मजदूरी को प्राथमिकता देगा। अब यूएससीआईएस ने अपने एक बयान में कहा कि ट्रंप काल के नए नियमों को 31 दिसंबर, 2021 तक के लिए टाल दिया गया है।
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जानिए क्या है H-1 B वीजा
विदेशी कामगारों को अमेरिकी कंपनियों में काम करने के लिए मिलने वाले वीजा को H-1B वीजा कहा जाता है। यह रोजगार के आधार पर स्थाई निवासी का दर्जा हासिल करने वालों को मिलता है। इस वीजा को एक निश्चित समयावधि के लिए दिया जाता है। अगर साफ शब्दों में बात करें तो अगर कोई अमेरिकी कंपनी किसी विदेश के नागरिक को जॉब पर रखना चाहती है तो इस वीजा के जरिए ही वो अपनी कंपनी में काम पर रख सकती है। वीजा की शुरुआत में 3 साल की अवधि दी जाती है, जिसे बढ़ाकर 6 साल तक किया जा सकता है।