अपने ही घर में रक्षा मंत्री की नियुक्ति को लेकर घिरे जो बाइडेन, संगठनों ने दी वॉर्निंग
वॉशिंगटन। अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन 20 जनवरी 2021 को 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। बाइडेन अपनी कैबिनेट के संभावित नामों का ऐलान कर चुके हैं। विदेश मंत्री से लेकर वित्त मंत्री तक के नाम लिस्ट में शामिल हो चुके हैं लेकिन देश का अगला रक्षा मंत्री कौन होगा, इस पर कोई भी फैसला नहीं हो सका है। बाइडेन पर लगातार इस पद पर योग्य व्यक्ति की नियुक्ति का दबाव बढ़ता जा रहा है। अपनी ही पार्टी के अंदर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
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अश्वेत नेता बना रहे दबाव
अश्वेत नेता बाइडेन पर दबाव डाल रहे हैं कि उन्हें अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के लिए किसी व्यक्ति का अगला रक्षा मंत्री नियुक्त करना चाहिए। अभी तक बाइडेन ने अपनी कैबिनेट में ज्यादातर श्वेत लोगों को ही प्राथमिकता दी है। जबकि एक वर्ग ऐसा भी है जो बाइडेन पर दबाव डाला है कि वह किसी महिला की नियुक्ति करें ताकि अमेरिका को पहली महिला रक्षा मंत्री मिल सके। पिछले दिनों खबरें आई थीं कि बाइडेन ने मिशेल फ्लॉरनॉय को रक्षा विभाग सौंपने का मन बनाया है। लेकिन अब कुछ संगठन उनकी इस पसंद पर ऐतराज जता रहे हैं। वह अपने विरोध के पीछे उनके पूर्व रिकॉर्ड और निजी सेक्टर के साथ उनकी भागीदारी का तर्क दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि सात संगठनों वाले एक गठबंधन ने बाइडेन को चिट्ठी लेकर खुली चुनौती दी है कि वह फ्लॉरनॉय की नियुक्ति करने से बचें।
निर्वाचित राष्ट्रपति की पसंद पर बवाल
न्यूज एजेंसी एपी की तरफ से बताया गया है कि चिट्ठी में मिशेल फ्लॉरनॉय के 'बुरी सलाह के बाद लिए गए नीतिगत फैसलों' का जिक्र किया गया है, खासतौर पर सऊदी अरब, यमन और अफगानिस्तान को लेकर। चिट्ठी में निजी सेक्टर से जुड़े उनके एक इतिहास के बारे में भी बताया गया है। यमनी गठबंधन कमेटी के चेयरपर्सन जेहान हाकिम ने कहा है, 'मिसेज फ्लॉरनॉय लगातार मिलिट्री से जुड़े मसलों में हस्तक्षेप का समर्थन करती आई हैं और उनके इस हस्तक्षेप की वजह से यमन समेत दुनिया के दूसरे हिस्सों में विनाशकारी नतीजे देखने को मिले हैं।' हाकिम ने ही इस चिट्ठी को लिखने में मदद की है। फ्लॉरनॉय के अलावा रिटायर्ड आर्मी जनरल लॉयड ऑस्टिन और जेह जॉनसन भी रेस में हैं जो पेंटागन के टॉप लॉयर रह चुके हैं। बराक ओबामा के कार्यकाल में वह होमलैंड सिक्योरिटी के मुखिया थे।