सुलेमानी की हत्या पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा-दुनिया के नंबर 1 आंतकी को हमने मारा
नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव पर दुनियाभर की निगाहें टिकी हुई है। ईरानी सेना के शीर्ष जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ गया है। ईरान ने बदले की कार्रवाई में इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। वहीं अमेरिका ने ईरान को चेतावनी भी जारी की। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कासिम सुलेमानी की हत्या जरूरी थी। उसे दुनिया का नंबर 1 आतंकवादी बताया है। ट्रंप ने कहा कि सुलेमानी ने अमेरिकी सहित कई लोगों की हत्या कि इसलिए उसे माना गया।
ईरान पर किए गए एयरस्टा्रक को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा है। विरोधी डेमोक्रेट्स ने ट्रंप के खिलाफ आवाज बुलंद किया है और सुलेमानी की मौत पर सवाल उठाए है। डेमोक्रेट सांसद और यूएस हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ट्रंप पर अमेरिकी सैनिक और नागरिकतों की जिंदगी खतरे में डालने का आरोप लगाया। वहीं यूएस संसद को इस हमले की जानकारी न देने का आरोप लगाते हुए निशाना साधा। डेमोक्रेट के इन आरोपों पर ट्रंप ने पलटवार करते हुए कहा कि हमने कासिम सुलेमानी को मारा है, जो दुनिया का नंबर 1 आतंकी था, उसने कई अमेरिकियों को मारा था। अन्या नागरिकों को मारा, इसलिए हमने उसे मारा। वहीं उन्होंने डेमोक्रेट्स के आरोपों को लेकर कहा कि यह देश का अपमाना है।
इन सब के बीच एक अमेरिकी समाचार संस्था ने दावा किया है कि सुलेमानी की हत्या में आंतरिक तौर पर इजरायल ने अमेरिका की मदद की थी। अमेरिका के एनबीसी न्यूज रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि 3 जनवरी को अमेरिका द्वारा जनरल सुलेमानी को मारने के लिए शुरू किए गए सैन्य ऑपरेशन में इजरायल ने अमेरिका की मदद की। इजराइल ने कई खुफिया जानकारी अमेरिकी एजेंसियों तक पहुंचाए।
रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल ने अमेरिका को सुलेमानी की इराक के सोलीमनी दमिश्क से बगदाद की उड़ान की जानकारी दी। बता दें कि ईरान और इजराइय के संबंध भी मधुर नहीं है। ईरान पहले ही इजराइल को अमेरिका का एजेंट मानता रहा है।
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