डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को दी इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता
व्हाइट हाउस में संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'अब समय आ गया है कि यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाया जाए।'
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता दे दी है। उन्होंने दशकों पुरानी अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय नीति को तोड़कर ऐसा किया है। अपने बयान में ट्रंप विदेश मंत्रालय को यह भी निर्देश दिया है कि अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से यरुशलम शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। नए दूतावास के लिए उचित जमीन खोजने और निर्माण में कम से कम 2-3 साल लगेंगे। इजरायल-फलस्तीन विवाद में येरुशलम का दर्जा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। इजरायल और फिलिस्तीन दोनों इसे अपनी राजधानी बताते हैं।
यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता
व्हाइट हाउस में संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, 'अब समय आ गया है कि यरुशलम को इजरायल की राजधानी बनाया जाए।' उन्होंने कहा कि फलस्तीन से विवाद के बावजूद यरुशलम पर इजरायल का अधिकार है। 'यह वास्तविकता के अलावा और कुछ नहीं है।' इस कदम से जहां इजरायल खुश है, वहीं अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में चिंता है। वे इसे पश्चिम एशिया में हिंसा भड़काने वाला कदम मानते हैं। यह कदम पूर्व अमेरिकी प्रशासनों की कोशिशों के विपरीत भी माना जा रहा है जो कि इस कदम को अशांति के डर से अब तक रोके हुए थे।
तुर्की के उप प्रधानमंत्री ने चिंता जताई
तुर्की के उप प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा है कि यरुशलम का दर्जा बदले जाने से बड़ी तबाही होगी। इससे क्षेत्र में संवदेनशील शांति प्रक्रिया पूरी तरह नष्ट हो जाएगी और नया विवाद, नए संघर्ष बढ़ेंगे और नए सिरे से अशांति फैल जाएगी। वहीं अमेरिकी सेनेटर बर्नी सैंडर्स ने ट्रंप की इस पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी भी कदम से इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति समझौते की संभावना को जोरदार झटका लगेगा। इस क्षेत्र में आशांति फैल जाएगी।
अरब देशों में इसका विरोध किया गया
डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से पहले भी अरब देशों में इसका विरोध किया गया। गाजा में फलस्तीनी प्रदर्शकों ने अमेरिका और इजरायल के झंडे जलाए। यूरोप में अमेरिका के करीबियों ने भी इस कदम पर सवाल उठाए हैं। येरुशलम प्राचीन काल से ही यहूदी लोगों की राजधानी रही है और आधुनिक सच्चाई यही है कि इजरायल की सरकार का मुख्यालय, कई प्रमुख मंत्रालय, संसद और सुप्रीम कोर्ट यरुशलम में ही है।'
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