अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब दिया अफगानिस्तान से 7,000 सैनिकों की वापसी का आदेश
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीरिया से सेनाओं की वापसी के बाद जो हलचल पेंटागन में मची है, वह शांत भी नहीं हुई थी कि एक और आदेश ने मिलिट्री लीडर्स को चौंका दिया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से आने वाले कुछ माह के अंदर अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी का आदेश दिया गया है। गुरुवार को ट्रंप प्रशासन की ओर से यह आदेश रक्षा मंत्री जिम मैटीस के इस्तीफ के ऐलान के बाद आया है। ट्रंप प्रशासन की ओर से लिए गए इस फैसले ने अफगान अधिकारियों को हैरान कर दिया। इन अधिकारियों की मानें तो अभी तक उन्हें इस प्लान के बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है। अफगानिस्तान में पिछले 17 वर्षों से अमेरिकी सेना तैनात है। यह भी पढ़ें-सीरिया पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ऐलान के एक दिन बाद ही रक्षा मंत्री जिम मैटीस का इस्तीफा
ट्रंप प्रशासन का एक और हैरानीभरा कदम
राष्ट्रपति ट्रंप ने करीब 7,000 सैनिकों की वापसी का मन बनाया है और अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों की कुल संख्या का यह आधा है। ट्रंप ने सीरिया से भी 2,000 सैनिकों की वापसी का ऐलान कर दिया है। ट्रंप के मुताबिक सीरिया में आईएसआईएस की हार हो चुकी है। ट्रंप प्रशासन के अंदर उनके सीरिया पर लिए गए फैसले पर खलबली मची हुई है। ट्रंप के करीबी रक्षा मंत्री जिम मैटिस भी इस्तीफे का ऐलान कर चुके हैं। फरवरी के अंत में जिम अपना पद छोड़ देंगे। मैटिस, राष्ट्रपति ट्रंप की मीडिल ईस्ट पॉलिसी से सहमत नहीं हैं। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल ने सबसे पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बारे में जानकारी दी थी।
अब आगे क्या होगा कोई नहीं जानता
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है सीरिया और अफगानिस्तान से सेनाओं की वापसी और मैटिस के इस्तीफे के बाद बड़ी दुविधापूर्ण तस्वीर बन गई है। अखबार की मानें तो अमेरिकी इतिहास में सबसे लंबे चलने वाले युद्ध का आगे क्या होगा इस बारे में कुछ पता नहीं। खासतौर पर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और दूसरे इलाकों में हिंसा और हमलों से अमेरिकी सेना को तकलीफ देने की कोशिशें की जा रही है। अमेरिका लगातार तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहा है। अधिकारियों की मानें तो 17 वर्ष तक चले युद्ध को खत्म करने के मकसद से ही बातचीत को आगे बढ़ाया जा रहा है।
घबराहट के साथ हुई अधिकारियों की गुड मॉर्निंग
काबुल में अफगानिस्तान के अधिकारी और पश्चिमी देशों के राजनयिक जब शुक्रवार की सुबह जागे तो उन्हें यह चौंका देने वाली खबर मिली। इसके साथ ही सभी आने वाले दिनों में पैदा होने वाले मुश्किल हालातों का सामना करने के लिए खुद को तैयार करने लगे है। सूत्रों की मानें तो कई अफगान अधिकारी जिन्हें हमेशा सुरक्षा की योजना से जुड़ी तैयारियों में शामिल किया जाता है, उन्हें भी ट्रंप के इस फैसले का कोई अंदाजा नहीं था। हाल के दिनों में भी उन्हें इस बात का कोई इशारा नहीं मिला था कि अमेरिकी सेनाओं को यहां से वापस बुला लिया जाएगा। हालांकि उन्हें इस बात का अंदेशा पहले से था कि ट्रंप जल्दबाजी में कोई फैसला ले सकते हैं।