डोनाल्ड ट्रंप ने बीमारी का शिकार बताते हुए ट्रांसजेंडर्स को अमेरिकी मिलिट्री के लिए बताया अनफिट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक मेमोरेंडम पर साइन किया है। इस मेंमोरेंडम के तहत ट्रंप ने अमेरिकी सेनाओं में ट्रांसजेंडर यानी किन्नरों की सेवाओं को सीमित कर दिया है। लेकिन इस नीति को कैसे लागू किया जाएगा, इसका फैसला उन्होंने सेनाओं पर ही छोड़ दिया है।
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक मेमोरेंडम पर साइन किया है। इस मेंमोरेंडम के तहत ट्रंप ने अमेरिकी सेनाओं में ट्रांसजेंडर यानी किन्नरों की सेवाओं को सीमित कर दिया है। लेकिन इस नीति को कैसे लागू किया जाएगा, इसका फैसला उन्होंने सेनाओं पर ही छोड़ दिया है। हालांकि ट्रंप ने जो मेमोरेंडम साइन किया है, उसे कई जजों ने बैन कर दिया है। उनका कहना है कि यह मेमोरेंडम अमेरिकी संविधान के खिलाफ है। उनका मानना है कि अमेरिकी संविधान लोगों को कानून के तहत बराबरी की सुरक्षा देने की वकालत करता है। वहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का कहना है कि वह नियम के मुताबिक ही काम करेगा।
एक तरह की बीमारी का शिकार
ट्रंप ने जो मेमोरेंडम साइन किया है उसमें कहा गया है कि ट्रांसजेंडर्स का इतिहास रहा है कि वह एक प्रकार की बीमारी से पीड़ित होते हैं और उन्हें सही उपचार की जरूरत होती है। इस उपचार में दवाईओं से लेकर सर्जरी जैसे विकल्प शामिल हैं। ऐसे में इन्हें मिलिट्री सर्विस के अयोग्य माना जाता है लेकिन कुछ तय स्थितियों में ट्रांसजेंडर्स काम करते रहेंगे। मेमोरेंडम में कहा गया है कि रक्षा मंत्री और होमलैंड सिक्योरिटी के मुखिया मिलिट्री सर्विसेज की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सही तरीके से इस नीति को लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं।
मानसिक तौर पर फिट लोगों को ही मिलेगा मौका
व्हाइट हाउस का कहना है कि रक्षा मंत्री जिम मटीस को लगता है कि लैंगिक बीमारी से पीड़ित व्यक्ति या ऐसा कोई भी इतिहास रखने वाले लोग मिलिट्री की प्रभावशीलता के लिए खतरा हो सकते हैं। व्हाइट हाउस का कहना है कि इस नई नीति के तहत मिलिट्री चुस्त मानसिक हालत और फिजिकल फिटनेस वाले लोगों को सेवाओं में लेने के लिए समर्थ हो सकेगी। इसकी वजह से हर व्यक्ति को मिलिट्री में शामिल हो सकेगा और उसे देश के लिए लड़ने का मौका मिल सकेगा।
पिछले वर्ष जुलाई में दिया था संकेत
ट्रंप का फैसला हालांकि पिछले वर्ष जुलाई में उनके ऐलान से कम प्रतिबंधात्मक है। जुलाई 2017 में ट्रंप ने कहा था कि वह मिलिट्री सर्विसेज में ट्रांसजेंडर सैनिकों की एंट्री को पूरी तरह से बैन कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की नीति को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का ऐलान कर दिया था। उस समय ट्रंप ने ट्टिवर पर लिखा था, 'वह मिलिट्री पर ट्रांसजेंडर्स की वजह से असाधारण मेडिकल बिल और अशांति का बोझ नहीं डाल सकते हैं।' फरवरी में आए मेमोरेंडम में व्हाइट हाउस और मटीस ने कहा था कि ट्रांसजेंडर्स एक बीमारी का शिकार होते हैं और ऐसे में वह मिलिट्री सर्विसेज के लिए अयोग्य है।
क्या कहा था कोर्ट ने
मेमोरेंडम में कहा गया है कि अमेरिकी सेनाओं में 8,980 सर्विस मेंबर्स बको बतौर ट्रांसजेंडर चिन्हित किया गया है लेकिन सिर्फ 937 ही ऐसे हैं जो 30 जून 2016 से लैंगिक बीमारी से पीड़ित हैं। अभी तक एक ट्रांसजेंडर ने अमेरिकी सेनाओं में सर्विस देने का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है और इसने पिछले वर्ष कोर्ट के आदेश के बाद इस कॉन्ट्रैक्ट को साइन किया था। इसमें कहा गया था कि मिलिट्री को हर हाल में ट्रांसजेंडर्स को शामिल करना पड़ेगा।
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