नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दो माह पहले ही की जिम मैटिस की छुट्टी, पैट्रिक शैनहैन नए रक्षा मंत्री
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पैट्रिक शैनहैन को देश का नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया है। पैट्रिक कार्यवाहक रक्षा मंत्री के तौर पर एक जनवरी 2019 से अपना पदभार संभाल लेंगे। रविवार को ट्रंप ने इस बात की जानकारी दी। अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस के इस्तीफ से ट्रंप खासे नाराज हैं और उन्होंने समय से पहले ही मैटिस की छुट्टी कर दी है। मैटिस फरवरी के अंत में अपना पद छोड़ने वाले थे। लेकिन अचानक ही ट्रंप ने नए रक्षा मंत्री की नियुक्ति का ऐलान करके सबको आश्चर्य में डाल दिया। अधिकारियों की मानें तो मैटिस, ट्रंप की विदेश नीति से असंतुष्ट थे और यही बात ट्रंप को नागवार गुजर रही थी।
मैटिस ने की थी ट्रंप की आलोचना
मैटिस ने गुरुवार को अपने इस्तीफे का ऐलान किया था और उन्होंने ट्रंप को चिट्ठी लिखकर इस बात की जानकारी दी थी। मैटिस, ट्रंप की विदेश नीति से काफी नाराज हैं और चिट्ठी में उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। मैटिस सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं वाले ऐलान से खुश नहीं थे। मैटिस ने अपनी चिट्ठी में साफ-साफ राष्ट्रपति के साथ मतभेद होने की बात स्वीकारी थी। साथ ही अमेरिका के साथी देशों की अहमियत करने को लेकर ट्रंप की आलोचना की थी। मैटिस ने चिट्ठी में यहां तक लिख दिया था कि ट्रंप को अपने नजरियों को एक साथ रखने के लिए पहले एक रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी निभानी चाहिए।
बोइंग के अधिकारी रहे हैं पैट्रिक
ट्रंप ने एक ट्वीट कर लिखा है कि उप रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहैन एक जनवरी 2019 से कार्यवाहक रक्षा मंत्री का जिम्मा संभालेंगे। ट्रंप ने पैट्रिक को 'बहुत क्षमतावान' करार दिया है। ट्रंप की मानें तो वह अमेरिका के लिए 'ग्रेट' रक्षा मंत्री साबित होंगे। व्हाइट हाउस के सीनियर अधिकारी की ओर से बताया गया है कि ट्रंप, मैटिस के इस्तीफे पर भड़के हुए थे। वह दो माह तक का इंतजार नहीं करना चाहते थे। अधिकारियों की मानें तो ट्रंप अगले कुछ हफ्तों में किसी को रक्षा मंत्री के पद के लिए नामित करेंगे।
हर कोई करता है मैटिस का सम्मान
मैटिस एक रिटायर्ड मैरीन जनरल थे जिनका न सिर्फ रिपब्लिकन बल्कि डेमोक्रेट्स भी काफी सम्मान करते थे। ट्रंप के अलावा उन्हें कई और लीडर्स का समर्थन हासिल था। बुधवार को ट्रंप ने हैरान करने वाला ऐलान किया जब उन्होंने बताया कि वह सीरिया से अमेरिकी सेनाओं को वापस बुला रहे हैं। ट्रंप की मानें तो सीरिया में आईएसआईएस हार चुका है। वहीं इसके एक दिन बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान से 14,000 सैनिकों को वापस बुलाया जाएगा।