भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कायल हुआ अमेरिका, बोला-कमियों के बाद भी आतंकवाद पर किया नियंत्रण
वॉशिंगटन। अमेरिका ने आतंकवाद से निबटने में भारतीय एजेंसियों को कारगर करार दिया है। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि भारत ने साल 2019 में अपनी सीमाओं पर आतंकी गतिविधियों का पता लगाया और उन्हें विफल किया है। अमेरिकी सरकार के मुताबिक भारत की सुरक्षा एजेंसियों में कुछ खामियां हैं लेकिन इसके बाद भी वह आतंकी खतरों का सामना करने में सक्षम हैं। अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक इंटेलीजेंस और जानकारियां साझा करना दो खामियों का सामना भारतीय एजेंसियां कर रही हैं।
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भारत ने आतंकवाद को किया नियंत्रित
बुधवार को अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से आतंकवाद पर हर वर्ष जारी होने वाली रिपोर्ट में भारत की तारीफ की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 में भारत ने जम्मू कश्मीर में एक बड़ा आतंकी हमला झेला और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में भी आतंकी वारदातें हुईं। इस रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों को छोड़ दें तो साल 2019 में भारत, आतंकवाद पर काबू पाने में सफल नजर आता है और उसकी रणनीति सफल होती नजर आ रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'भारत सरकार ने अपनी सीमाओं के भीतर आतंकवादी गतिविधियों का पता लगाने और बाधित करने के लिए निरंतर दबाव डालना जारी रखा।' इस रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी और भारत के कई दूसरे सीनियर लीडर्स ने आतंकवादी हमलों की निंदा करते हुए कई बयान दिये और अमेरिका और समान विचारधारा वाले कई अन्य देशों के साथ सहयोग कर आतंकवाद के दोषियों को कानून के कटघरे में लाया गया। इसके आलावा सुरक्षा एजेंसियों ने लगातार आतंकवाद पर नकेल कसी हुई थी जिससे देश की भीतरी सुरक्षा और भी मजबूत बनी रही।
पाकिस्तान की कड़ी आलोचना
जहां इस रिपोर्ट में भारत की एजेंसियों की तारीफ की गई है तो वहीं आतंकवाद को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान पर हमला बोला गया है। अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान ने 2019 में आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने और उस साल फरवरी में हुए पुलवामा हमले के बाद बड़े पैमाने पर हमलों को रोकने के लिये भारत केंद्रित आतंकवादी समूहों के खिलाफ 'मामूली कदम' उठाए। वह अब भी क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिये 'सुरक्षित पनाहगाह' बना हुआ है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर जनवरी 2018 में लगाई गई रोक 2019 में भी प्रभावी रही।