रूस से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने पर भी अमेरिका नहीं लगाएगा भारत पर प्रतिबंध
अमेरिका ने भारत को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए उस बिल को पास कर दिया जिसके बाद भारत अगर रूस से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदता है तो फिर उसे किसी भी तरह के अमेरिकी प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वॉशिंगटन। अमेरिका ने भारत को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए उस बिल को पास कर दिया जिसके बाद भारत अगर रूस से एयर डिफेंस सिस्टम खरीदता है तो फिर उसे किसी भी तरह के अमेरिकी प्रतिबंध का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस रक्षा खर्च बिल के बाद नए कानून में संशोधन होगा और इस संशोधन के साथ ही भारत के लिए रूस से बिना हिचक हथियार खरीदने की राह खुल जाएगी। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की ओर से यह जानकारी दी गई है।
क्या है यह बिल
इस बिल को नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2019 कहा गया है। यह बिल हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में पहले ही पास हो चुका है और अब इस पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साइन करना है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से पहले ही व्हाइट हाउस को बिल के लिए मंजूरी दी जा चुकी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मटीस की ओर से जारी बयान में कहा गया है, 'मैं दोनों पक्षों के हर उस सदस्य का आभार जताता हूं जिन्होंने एनडीएए बिल को तय समय पर पास करने में अपनी प्रतिबद्धिता जाहिर की थी। साथ में मिलकर हम एक ऐसा समर्थन तैयार करेंगे जो हमारी सेनाओं के लिए मददगार साबित होगा।'
अमेरिकी विदेश मंत्री का समर्थन
मटीस के बयान में इस बात की तरफ भी ध्यान दिलाया गया है कि बिल के जरिए अमेरिका के करीबी साझेदारों को रूस से जुड़े कुछ नियमित प्रतिबंधों से काउंटरिंग अमेरिकास एडवरसरीज थ्रू सैंक्शन एक्ट यानी सीएएटीएसस के तहत छूट मिल गई है। एनडीएए 2019 के बाद सीएएटीएसस में संशोधन होगा जिसके बाद भारत जैसे देश रूस से कुछ तय शर्तों को पूरा करने के बाद हथियार खरीद सकेंगे। मटीस इस छूट के पक्ष में थे और उन्हें अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयों का समर्थन भी मिला। मटीस का मानना था कि भले ही रूस को सजा देने के मकसद से इस तरह के प्रतिबंधों को लाया जाए लेकिन इससे देश, रूस के और करीब हो सकेंगे।
भारत को खरीदना है रूस से एस-400
सीएएटीएसस को साल 2017 में इंट्रोड्यूस किया गया और साल 2018 में रूस को सजा देन के मकसद से यह प्रभावी कर दिया गया। सीएएटीएसस के तहत किसी भी तीसरे देश को रूस की मिलिट्री और इंटेलीजेंस एजेंसियों के साथ कुछ 'खास सौदे' करने से रोका जा सकता है। भारत, रूस से पांच एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदना चाहता था और ऐसे में भारत पर इन प्रतिबंधों का खतरा सबसे ज्यादा था। रूस की कंपनी से यह एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद अमेरिका पर सबसे पहले प्रतिबंध लगाने की तैयारी में था।