Citizenship Amendment Act: अमेरिका ने कहा-हम भारत के लोकतंत्र का सम्मान करते हैं
वॉशिंगटन। अमेरिका की तरफ से भारत के नए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर आधिकारिक प्रतिक्रिया दी गई है। अमेरिका ने इस कानून को भारत का आतंरिक फैसला बताया और कहा कि वह देश के लोकतंत्र का सम्मान करता है। भारत और अमेरिका के बीच दूसरी 2+2 वार्ता का आयोजन इस समय अमेरिका में हो रहा है। इस वार्ता में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इस समय अमेरिका में हैं। दोनों नेताओं ने अपने अमेरिकी समकक्षों माइक एस्पर और माइक पोंपेयो से मुलाकात की है।
क्या बोले अमेरिकी विदेश मंत्री
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो ने कहा, 'हमें हमेशा परवाह रहती है और हम हमेशा दुनिया के हर हिस्से में अल्पसंख्कों के लिए आवाज उठाते रहेंगे। हम भारत के लोकतंत्र का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर एक तगड़ी बहस की है।' पोंपेयो ने यह बात 2+2 वार्ता के खत्म होने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देते समय कही। पोंपेयो और अमेरिकी रक्षा मंत्री माइक एस्पर ने एस जयशंकर और राजनाथ सिंह का स्वागत इस वार्ता के लिए किया था। पोंपेयो की तरफ से यह बात उस समय कही गई जब उनसे इस कानून पर भारत में जारी प्रदर्शनों से जुड़ा सवाल किया गया था। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि यह कानून कई तरह से धार्मिक आजादी के साथ भेदभाव करने वाला है।
धार्मिक आजादी से जुड़ा था सवाल
पोंपेयो से मीडिया ने सवाल किया था कि अमेरिकी विदेश विभाग हमेशा से लोगों की धार्मिक आजादी का समर्थक रहा है। ऐसे में क्या उन्हें नहीं लगता है कि धर्म के आधार पर किसी की नागरिकता का फैसला लिया जाना चाहिए? इस सवाल का जवाब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया। उन्होंने कहा, 'आपने जो सवाल पूछा है कि वह भारत से जुड़ा है और अगर आप गौर करेंगे तो आपको पता चलेगा कि इस खास कानून पर ध्यानपूर्वक किस तरह से बहस हुई है। आप जान पाएंगे कि यह एक ऐसा उपाय है जो कुछ देशों में धर्म की वजह से उत्पीड़न झेलने को मजबूर हैं।' इसके बाद उन्होंने कहा कि अगर इन देशों की तरफ ध्यान दिया जाएगा तो शायद सारी बात समझ में आ जाएगी। अभी तक इस बात की जानकारी नहीं मिल सकी है कि क्या 2+2 वार्ता के दौरान धार्मिक आजादी या फिर मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर कोई बात हुई थी या नहीं।