अमेरिका आधिकारिक तौर पर फिर से पेरिस जलवायु समझौते में हुआ शामिल
नई दिल्ली। अमेरिका एक बार फिर पेरिस जलवायु समझौते में शामिल हो गया है। शुक्रवार को अमेरिका आधिकारिक तौर पर समझौते में वापस आ गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2019 में पेरिश समझौते से बाहर होने का ऐलान किया था। वहीं जो बिडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही ऐलान कर दिया था कि वो फिर से पेरिस जलवायु समझौते में लौटेंगे और इसको लेकर आदेश जारी किए थे।
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परिवर्तन से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय पेरिस जलवायु समझौते में भारत समेत दुनिया के कई देश शामिल हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में 12 दिसंबर 2015 को 196 देशों के प्रतिनिधियों ने जलवायु समझौते के मसौदे पर सहमति जताते हुए इसे अपनाया था। एक साल बाद नवंबर 2016 को अमेरिका ने राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के दौरान पेरिस समझौते को स्वीकार किया था। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद उनके प्रशासन ने इस समझौते से बाहर होने का फैसला लिया था। इस साल जनवरी में अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही जो बाइडेन ने ट्रंप के फैसले को पलटते हुए पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका को फिर से शामिल करने के लिए एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।
बता दें कि पेरिस जलवायु समझौते का उद्देश्य ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना है, ताकि सदी के अंत तक तापमान वृद्धि को पूर्व औद्योगिक स्तर के 1.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित कर दिया जाए। यह समझौता पांच साल के चक्र पर काम करता है।
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