बिना हथियार, बिना सैनिक आईएसआईएस से लड़े तो लड़े कैसे अमेरिका
वाशिंगटन। पिछले वर्ष अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि ड्रोन की कमी की वजह से आईएसआईए के खिलाफ जारी अमेरिकी जंग कमजोर पड़ सकती है। अब शायद अमेरिका के पास सैनिकों की भी कमी हो गई है।
अमेरिका के सीनेटर और दो बार अमेरिकी राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल रहे जॉन मैक्केन के एक बयान से तो ऐसा ही लगता है। अमेरिका के दो सीनियर सीनेटर्स की ओर से ऐसा ही संदेश आया है।
कम से कम 100,000 सैनिकों की जरूरत
मैक्केन और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने कहा है कि अमेरिका को कम से कम 100,000 विदेशी सैनिकों की जरूरत है। मैक्केन के मुताबिक अगर सुन्नी देशों के सैनिक अमेरिकी सैनिकों के साथ शामिल हो जाएं तो फिर अमेरिका के लिए आईएसआईएस के खिलाफ यह जंग आसान हो सकती है।
मैक्केन आर्म्ड सर्विसेज पर सीनेट कमेटी के चेयरमैन हैं और ग्राहम इसके सदस्य हैं। दोनों ने ही सीरिया के लिए विदेशी सैनिकों की भर्ती पर जोर दिया है।
मैक्केन और लिंडसे ग्राहम के मुताबिक इस रणनीति के तहत इराक और सीरिया में आईएसआईएस पर हवाई हमलों के साथ ही साथ लोकल ग्राउंड ट्रूप का सपोर्ट भी जरूरी है। ग्राउंड ट्रूप पर को हथियार और ट्रेनिंग मुहैया कराई जाएगी। मैक्केन के मुताबिक उन्हें लगता है कि 100,000 सही संख्या है।
सऊदी अरब को हो सकती है समस्या
लिंडसे ग्राहम के मुताबिक इजिप्ट जैसे देश को आईएसआईएस के खिलाफ आने में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन सऊदी अरब और दूसरे छोटे देशों को इससे समस्या हो सकती है। वहीं टर्की जो कि पहले से ही नाटो का हिस्सा है, उसे भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
लिंडसे के मुताबिक सऊदी अरब पहले ही यमन में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में शामिल है। इजिप्ट अपनी घरेलू समस्याओं से परेशान है। टर्की आईएसआईएस से ज्यादा कुर्दिश विद्रोहियों के साथ लड़ाई के प्रति ज्यादा चिंतित है।
ग्राहम ने बताया कि इस नए संगठन में करीब 10,000 अमेरिकी सैनिक भी शामिल होंगे। अमेरिकी सैनिक उन्हें उन क्षमताओं से लैस कराएंगे जो उनके पास नहीं हैं।
इराक में बढ़ाई जाए अमेरिकी सैनिकों की संख्या
दोनों ही सीनेटर्स ने इराक में भी अमेरिकी सैनिकों की संख्या को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यहां पर अमेरिकी सैनिकों की संख्या को करीब 10,000 तक किया जाना चाहिए। इस संख्या में स्पेशल फोर्सेज के कुछ सैनिक भी शामिल होंगे।
अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज कुर्दिश सैनिकों के साथ पिछले माह तक इराक में जारी लड़ाई में मौजूद थे। लेकिन एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद उन्हें वहां से हटा लिया गया था।
ग्राहम के मुताबिक इराक और अफगानिस्तान के युद्धों के मुकाबले आईएसआईएस के खिलाफ जारी लड़ाई में काफी अंतर है। आपको बता दें कि आईएसआईए के लिए बड़े पैमाने पर इराक के युद्ध को दोषी ठहराया जा रहा है।