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अमेरिका ने किया महाविनाशक ‘ब्रह्मास्त्र’ हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण, पुतिन से डरकर नहीं किया खुलासा

परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध की वजह से तनाव चरम पर है और रूसी राष्ट्रपति ने परमाणु बम के इस्तेमाल की भी चेतावनी दे रखी है।

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वॉशिंगटन, अप्रैल 05: संयुक्त राज्य अमेरिका की सेना ने पिछले महीने एक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, लेकिन रूस के साथ तनाव को और बढ़ाने से बचने के लिए अमेरिका ने अपने इस प्रोजेक्ट के बारे में खुलासा नहीं किया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने विनाशक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण पिछले महीने किया है और ये परीक्षण उस वक्त किया गया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पोलैंड की यात्रा का प्लान बना रहे थे।

हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण

अमेरिका ने ये परीक्षण देश के पश्चिमी तट से हाइपरसोनिक मिसाइल एयर-ब्रीदिंग वेपन कॉन्सेप्ट (HAWC) के साथ परीक्षण किया है, जिसे B-52 बॉम्बर से लॉन्च किया गया था। डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी के अनुसार, मिसाइल के बूस्टर इंजन पहले एयर ब्रीदिंग सिस्टम वाले स्क्रैमजेट इंजन के शुरू होने से पहले हथियार को तेज गति तक धकेलते हैं और फिर मिसाइल को हाइपरसोनिक स्पीड प्रदान करते हैं, जो हवा में आवाज की रफ्तार से पंद्रह गुना तेज गति से सफर तय करता है।

कैसा है अमेरिका का विनाशक मिसाइल

कैसा है अमेरिका का विनाशक मिसाइल

अमेरिका ने जिस विनाशक हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है, वो हवा में 65 हजार फीट तक गया और इस दौरान मिसाइल ने 300 मील का सफर तय किया। रिपोर्ट के मुताबिक, ये परीक्षण सिर्फ पांच मिनट में ही कामयाब हो गया। हालांकि, यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस के तनाव के चलते ज्यादा अमेरिकी एयरफोर्स ने ज्यादा जानकारी नही दी है। अमेरिका की एजेंसी DARPA ने कहा कि, परीक्षण ने अपने सभी उद्देश्यों को पूरा किया है, जिसमें मिसाइल का एकीकरण और रिलीज, लॉन्च विमान से सुरक्षित अलगाव, बूस्टर फायरिंग और क्रूज शामिल हैं।

अमेरिकी परीक्षण से भड़केगा तनाव?

अमेरिकी परीक्षण से भड़केगा तनाव?

परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन युद्ध की वजह से तनाव चरम पर है और रूसी राष्ट्रपति ने परमाणु बम के इस्तेमाल की भी चेतावनी दे रखी है। वहीं, यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने यूक्रेन पर हाइपरसोनिक हथियार से यूक्रेन के बड़े आयुध भंडार को उड़ाने का दावा भी किया है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने हाल ही में रूस द्वारा अपने हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल मिसाइल के उपयोग को कम करके आंका है, जो अनिवार्य रूप से एक रूसी इस्कंदर कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का एक हवाई-लॉन्च किया गया संस्करण है, न कि नए हाइपरसोनिक हथियार।

बेहद खतरनाक है अमेरिकी मिसाइल

बेहद खतरनाक है अमेरिकी मिसाइल

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी परीक्षण में एक शक्तिशाली इंजन का उपयोग किया गया है, जिसे एयर-ब्रीदिंग स्क्रैमजेट कहा जाता है। HAWC मिसाइल में वारहेड नहीं होता है, बल्कि लक्ष्य को नष्ट करने के लिए ये गतिज ऊर्जा पर निर्भर करता है। चीन और रूस द्वारा सफल परीक्षण किए जाने के बाद से अमेरिका हाइपरसोनिक हथियारों को नए सिरे से देख रहा है, और अमेरिका में इस बात की चिंता काफी बढ़ रही है, कि हाइपरसोनिक और दूसरे अत्याधुनिक हथियारों के निर्माण में अमेरिका रूस और चीन से पिछड़ रहा है। पिछले साल ऐसी रिपोर्ट आई थी, कि जुलाई और अगस्त महीने में चीन ने एक हाइपरसोनिक ग्लाइड वाहन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था, जबकि रूस ने अपनी पनडुब्बी से लॉन्च की गई हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया है, जिसे सिर्कोन के नाम से जाना जाता है।

आवाज से 15 गुना ज्यादा रफ्तार

आवाज से 15 गुना ज्यादा रफ्तार

हाइपरसोनिक मिसाइलें बॉम्बर जेट से गिराई जाती हैं और ध्वनि की गति से 15 गुना तेज गति इसकी रफ्तार होती है। हालांकि, अलग अलग हाइपरसोनिक हथियारों की स्पीड अलग अलग होती है और ऐसी रिपोर्ट है कि, चीन ने जिस हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण किया था, उसकी रफ्तार आवाज की रफ्तार से 7 गुना ज्यादा तेज थी, वहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत जिस हाइपरसोनिरक मिसाइल का निर्माण देसी टेक्नोलॉजी के साथ कर रहा है, उसकी स्पीड हवा से 10 गुना ज्यादा होगी। हाइपरसोनिक मिसाइलों के विकास ने अमेरिका, चीन और रूस के बीच हथियारों की एक नई होड़ को जन्म दिया है। पिछले साल, यूएस स्पेस फोर्स के स्पेस ऑपरेशंस के वाइस-चीफ जनरल डेविड थॉम्पसन ने कहा था कि, अमेरिका हाइपरसोनिक हथियारों में चीन या रूस की तरह 'उन्नत' नहीं था। उन्होंने कहा: 'हमने बहुत जल्दी चीन और रूस का मुकाबले करने के लिए उन्नत हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की जरूरत है'।

तनाव बढ़ाने से बच रहा अमेरिका?

तनाव बढ़ाने से बच रहा अमेरिका?

अमेरिका पूरे यूक्रेन संघर्ष में सावधानी बरत रहा है ताकि रूस और अमेरिका के बीच तनाव को और नहीं बढ़ाया जाए। जिसमें देश के ऊपर नो-फ्लाई ज़ोन की शुरूआत का विरोध करना और पोलिश वायु सेना को अपने लड़ाकू जेट विमानों को उड़ान भरने की अनुमति देना शामिल है। वहीं, इस हाइपरसोनिक मिसाइल के परीक्षण की रिपोर्ट को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के किसी भी तरह के और उकसावे से बचने की उम्मीद में दो सप्ताह तक गुप्त रखा गया था, क्योंकि उनके सैनिकों ने यूक्रेन में भीषण हमला करना जारी रखा था।

ब्रह्मास्त्र माने जाते हैं हाइपरसोनिक मिसाइल

ब्रह्मास्त्र माने जाते हैं हाइपरसोनिक मिसाइल

दुनिया में किसी भी देश के पास ऐसी क्षमता नहीं है, कि वो हाइपरसोनिक मिसाइल को बीच रास्ते में ही ध्वस्त कर दे, या फिर अपने देश को हाइपरसोनिक मिसाइल से बचा ले, लिहाजा, इस हाइपरसोनिक मिसाइल को आप ब्रह्मास्त्र भी कह सकते हैं। हालांकि, रूस ने पिछले साल दावा किया था कि, उसका नया बनाया गया एस-500 मिसाइल सिस्टम के पास हाइपरसोनिक हथियारों को मार गिराने की क्षमता है, लेकिन रूस के दावे में कितना दम है, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। अमेरिका, रूस और चीन सभी हाइपरसोनिक हथियार विकसित कर रहे हैं, जिसमें ग्लाइड वाहन भी शामिल हैं जो रॉकेट से अंतरिक्ष में लॉन्च किए जाते हैं, और ये मिसाइल पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं। वे ध्वनि की गति से पांच गुना से 15 गुना तेज गति से उड़ते हैं, बैलिस्टिक मिसाइल की तुलना में थोड़ी कम रफ्तार उनकी होती है। लेकिन वे बैलिस्टिक मिसाइल के रास्ते को फॉलो नहीं करती हैं, लिहाजा उन्हें ट्रैक करना काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है।

भारत भी बना रहा हाइपरसोनिक हथियार

भारत भी बना रहा हाइपरसोनिक हथियार

भारत में हथियारों के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था डीआरडीओ ने भारत में हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी का सफल परीक्षण किया था। ओडिशा के बालासोर में डीआरडीओ ने एचएसटीडीवी यानि हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेट वीइकल टेस्ट को कामयाबी के साथ अंजाम दिया था। भारत के वैज्ञानिकों ने हाइपरसोनिक हथियारों की स्पीड को लेकर चीन और अमेरिका के वैज्ञानिकों को भी पीछे छोड़ दिया है। अमेरिका और चीन के हाइपरसोनिक हथियार जहां हवा की रफ्तार से पांच गुना तेज रफ्तार से वार करने में सक्षम हैं, वहीं भारतीय वैज्ञानिकों ने जो टेस्ट किया था, उसमें हथियार की रफ्तार हवा की रफ्तार से 6 गुना ज्यादा तेज था। यानि, चीन के हाइपरसोनिक हथियार से भी ज्यादा तेज भारत में जिस हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी का विकास किया जा रहा है, उसकी रफ्तार होगी।

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English summary
The US military successfully test-fired a super-destructive hypersonic missile last month, but the US kept the project a secret amid tensions with Russia.
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