अमेरिका में मध्यावधि चुनावों पर सबकी नजरें भारतीय उम्मीदवारों पर, जीत तय करेगी कांग्रेस का भविष्य
वॉशिंगटन। अमेरिका में छह नवंबर को मध्यावधि चुनावों के लिए वोट डाले जाएंगे। ये चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं। कुछ भारतीय-अमेरिकी भी चुनावों में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और सबकी नजरें इन पर टिक गई हैं। भारतीय मूल के 12 उम्मीदवार इस बार चुनाव मैदान में हैं और इनमें से चार ऐसे हैं जो फिर से अमेरिकी कांग्रेस के लिए अपने चुनाव के लिए एड़ी-चोट का जोर लगा रहे हैं। पीट ओल्सन नामक एक महिला जो रिपलिब्कन पार्टी की हैं और टेक्सास से चुनाव लड़ रही हैं, उन्होंने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंदी को 'भारतीय-अमेरिकी मौकापरस्त' कहा। उनकी इस टिप्पणी के साथ ही चुनाव प्रचार की सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। चुनावी मैदान में जहां 10 भारतीय डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं तो वहीं दो ट्रंप की रिपब्किन पार्टी के टिकट पर हैं।
भारतीयों की जीत करेगी ट्रंप को कमजोर
मंगलवार को होने वाले चुनावों के नतीजे भले ही कुछ भी हों लेकिन अमेरिका में बसी चार मिलियन भारतीय समुदाय के लिए यह किसी मील के पत्थर से कम नहीं है। इन चुनावों में हाल के कुछ वर्षों में अमेरिकी राजनीति में बढ़ती भारतीय समुदाय के नेतृत्व का भी संकेत मिलता है। ज्यादातर भारतीय उम्मीदवार डेमोक्रेटिक पार्टी के हैं जो प्रतिनिध सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी का भविष्य तय करेंगे। अगर डेमोक्रेटिक पार्टी को 23 सीटें मिल जाती हैं तो फिर प्रतिनिधि सभा का नियंत्रण रिपब्लिकन पार्टी की जगह डेमोक्रेटिक पार्टी के पास आ जाएगा। अगर ऐसा होता है तो फिर यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का तगड़ा झटका होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी के पास पहले से ही ये आंकड़ें मौजूद हैं और अगर चुनावी नतीजे आते हैं तो फिर भारतीय-अमेरिकी डेमोक्रेटिक पार्टी को एक अजेय स्थिति में ले आएंगे।
10 भारतीय डेमोक्रेटिक और दो रिपलिब्कन पार्टी से
12 में से चार भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवार ऐसे हैं जो दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। एमी बेरा और रो खन्ना कैलिफोर्निया से, राजा कृष्णामूर्ति इलिनियॉस और प्रमिला जयपाल वॉशिंगटन से चुनाव लड़ रही हैं। ये चारों उम्मीदवार डेमोक्रेट्स हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के बाकी छह उम्मीदवारों में श्री प्रेस्टन कुलकर्णी और अफताब पुरेवाल आहायो से, हीरल टिपेरेनी और अनिता मलिक एरिजोना, संजय पटेल फ्लोरिडा और चिंतन देसाई आराकंसास से चुनाव लड़ रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के बैनर तले जो भारतीय अमेरिकी चुनावी मैदान में हैं, उनमें कनेक्टिकट से हैरी अरोड़ा और जितेंद्र दिवांगवेकर इलिनियॉस से चुनाव लड़ रहे हैं। जितेंद्र, डेमोक्रेटिक पार्टी के कृष्णामूर्ति को चुनौती दे रहे हैं।
चौंका सकते हैं चुनावी नतीजे
इन सबके अलावा शिवा अयादुराई भी हैं जो कि मैसाच्यूसेट्स से अमेरिकी सीनेट के लिए लड़ रहे हैं। शिवा एक निर्दलीय उम्मीदवार हैं और यहां से सीनेटर एलिजाबेथ वॉरेन के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। एलिजाबेथ एक डेमोक्रेट हैं जो साल 2020 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में ट्रंप को चुनौती दे सकती हैं। इंडियन-अमेरिकन इंपैक्ट फंड के गौतम राघवन ने कहा, 'हमें उम्मीद हैं कि जो भारतीय दोबारा चुनावी मैदान में हैं, वे दोबारा जीत सकते हैं।' इंडियन-अमेरिकन इंपैक्ट फंड एक ऐसी संस्था है जो डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के लिए मदद उपलब्ध कराती है। गौतम का कहना है कि अमेरिकी कांग्रेस के लिए तीन भारतीय उम्मीदवार चुनाव जीत सकते हैं। हालांकि वह इस बात से भी इनकार नहीं करते हैं कि नतीजें चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।