अमेरिका की मैगजीन ने चीन पर उठाए सवाल, लिखा-चीन ने छिपाई थी Coronavirus की जानकारी
वॉशिंगटन। कोरोना वायरस जिसने अब तक 24,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है और 5,00,000 लोगों पर असर डाला है, अब दुनियाभर से अपील कर रहा है कि इस महामारी के खिलाफ एक जंग छेड़नी चाहिए। यह वही चीन है जो उस समय तक शांत बैठा था जब वुहान में वायरस तबाही मचा रहा था। आज दुनिया में जान-माल का तो नुकसान हो रहा है मगर अर्थव्यवस्था की कमर भी टूट रही है। अमेरिका की एक मैगजीन ने अब चीन को संदेह के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। मैगजीन ने अपनी रिपोर्ट में पूरी टाइमलाइन दी है कि कैसे और कब-कब चीन ने असलियत को छिपाने की कोशिश की।
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समय रहते दुनिया को आगाह कर सकता था चीन
अमेरिकी मैगजीन नेशनल रिव्यू में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन ने समय रहते इस वायरस के बारे में दुनिया को बता दिया होता तो आज शायद तस्वीर अलग होती। लोगों की जान बचाई जा सकती थी और सीवियर एक्यूट रेसपीरेटरी सिंड्रोम (सार्स) जैसे इस वायरस को नियंत्रण में लाया जा सकता था। मैगजीन के मुताबिक कोरोना वायरस चीन के हुबेई प्रांत में जानवरों की मार्केट से निकला। पहले वह जानवर मे पहुंचा और फिर जानवर से इंसान तक पहुंचा। अब यह एक खतरनाक संक्रमण में बदल चुका है। जबकि वुहान में इस वायरस का पहला मरीज एक दिसंबर को ही सामने आ गया था।
डॉक्टर को भी पुलिस ने किया गिरफ्तार
पांच दिन बाद इसने उस व्यक्ति की 53 वर्षीय पत्नी को भी संक्रमित कर दिया जो कि बाजार नहीं गई थी। महिला में भी न्यूमोनिया जैसी बीमारी के लक्षण नजर आए। दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक वुहान के डॉक्टरो के पास नए केसेज आते रहे और इस बात की जानकारी मिली कि वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल रहा है। 25 दिसंबर को वुहान के दो अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ को संदिग्ध पाया गया और उन्हें आइसोलेशन में रख दिया गया। इसके बाद वुहान में इस तरह के असमान्य न्यूमोनिया बुखार के केसेज में इजाफा होने लगा। इसके बाद हुनान की सी-फूड मार्केट से इस केस को जोड़कर देखा जाने लगा। जनवरी मे डॉक्टर ली वेनलियांग को पुलिस ने अफवाह फैलाने के जुर्म में हिरासत में ले लिया था।