अमेरिकी सांसदों ने भारतीय राजदूत को चिट्ठी लिखकर कहा कश्मीर जाने की मिले इजाजत
वॉशिंगटन। अमेरिका के छह सांसदों ने अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला को चिट्ठी लिखकर कश्मीर में विदेशी पत्रकारों और सांसदों की पहुंच की मांग की। इन सांसदों का दावा है कि भारत की तरफ से कश्मीर पर जो तस्वीर दुनिया के सामने पेश की जा रही है, घाटी की तस्वीर उनके पक्ष द्वारा दी जानकारी से अलग है। अमेरिका के कश्मीर में राजनीतिक और आर्थिक स्थिति सामान्य करने के लिए खाका तैयार करने और राजनीतिक बंदियों को तत्काल रिहा करने की मांग करने के बाद सांसदों ने श्रृंगला ने यह पत्र लिखा।
24 अक्टूबर को लिखी गई चिट्ठी
सांसदों ने इस चिट्ठी में कहा है, 'हम पूरी पारदर्शिता में विश्वास करते हैं और इसे पत्रकारों और कांग्रेस के सदस्यों को क्षेत्र में पहुंच प्रदान करके ही हासिल किया जा सकता है। हम फ्री मीडिया के हित में और कम्यूनिकेशन बढ़ाने के मद्देनजर भारत को जम्मू-कश्मीर को देश-विदेश के पत्रकारों और बाकी फॉरेन विजिटर्स के लिए खोलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।' सांसद डेविड सिसिलिन, डीना टाइटस, क्रिसी हौलाहन, एंडी लेविन, जेम्स मैकगोवर्न और सूसन वाइल्ड की तरफ से यह चिट्ठी लिखी गई है। यह चिट्ठी 24 अक्टूबर को लिखी गई है। इसमें श्रृंगला की तरफ से 16 अक्टूबर को कश्मीर की स्थिति पर दी जानकारी को लेकर सवाल हैं। सांसदों ने कहा, 'मीटिंग के दौरान जो चर्चा की गई, हमारे कई पक्षों ने स्थिति की उस जानकारी से अलग छवि पेश की है, जो हमसे साझा की गई थी।
उन्होंने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 हटाए जाने के साथ ही इंटरनेट और कम्यूनिकेशन सर्विसेज की पहुंच, स्थानीय नेताओं तथा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और कर्फ्यू लगाने पर भी चिंता जाहिर की है।' सांसदों ने आगे कहा कि भारत सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म कर दिए थे और दो नए केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनाने का एलान किया था। इस घोषणा के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कई सुरक्षा प्रतिबंध लगे हैं।