जम्मू कश्मीर के हालातों को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने जताई चिंता, ट्रंप के मंत्री को लिखी चिट्ठी
वॉशिंगटन। अमेरिका के दो सांसदों ने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार को लेकर चिंता जताई है। इन दोनों सांसदों ने विदेश मंत्री माइक पोंपेयो से अपील की है कि वह भारत पर राज्य में कम्यूनिकेशन ब्लैकआउट को तुरंत खत्म करने के लिए दबाव डालें। साथ ही उन लोगों को भी हिरासत से रिहा करने की मांग की गई है जिन्हें पिछले एक माह से ज्यादा समय ये बंदी बनाकर रखा गया है। आपको बता दें कि पांच अगस्त को भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटा दिया था और राज्य को मिला विशेष दर्जा भी खत्म कर दिया था।
11 सितंबर को लिखी गई चिट्ठी
11 सितंबर को अमेरिकी प्रतिनिधिसभा में भारतीय मूल की पहली अमेरिकी कांग्रेस सदस्या प्रमिला जयपाल और कांग्रेस सदस्य जेम्स पी मैकगर्वन ने माइक पोंपेयो को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में लिखा है कि जम्मू कश्मीर में तुरंत ही मानवाधिकार पर्यवेक्षकों को दाखिल होने की अनुमति देनी चाहिए ताकि वे यहां की स्थिति की पड़ताल कर सकें। चिट्ठी में लिखा है, 'हम आपसे अपील करते हैं कि प्रशासन को भारत सरकार पर दबाव डालना चाहिए और कश्मीर में कम्युनिकेशन ब्लैकआउट को तुरंत खत्म करने, रिव्यू की प्रक्रिया तेज करने और सुरक्षात्मक तौर पर हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को रिहा करने के अलावा अस्पतालों में दवाईयों कह उपलब्धता के अलावा कश्मीर के लोगों के अधिकार जैसे प्रार्थना और इकट्ठा होने को बहाल किया जाए।' इन दोनों सांसदों ने पोंपेयो को बताया है कि उन्हें कश्मीर में मानवाधिकार संकट को लेकर काफी चिंता हो रही है। पांच अगस्त को जब आर्टिकल 370 हटाया गया था, उसके बाद से यहां पर कुछ प्रतिबंध लगा दिए गए थे।
I continue to be deeply concerned about credible reports of a humanitarian crisis in Jammu & Kashmir. Even in complex situations, we look to strong democratic allies like India to uphold basic human rights and due process.
— Rep. Pramila Jayapal (@RepJayapal) September 11, 2019
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