लद्दाख में चीन की आक्रामकता पर अमेरिका के सांसद बोले-अब बहुत हुआ, दुनिया को एक साथ आना होगा
वॉशिंगटन। अमेरिका के एक सांसद पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन की दादागिरी पर जमकर भड़के हैं। उनका कहना है कि चीन अपने पड़ोसियों को सैन्य स्तर पर भड़काने में लगा हुआ है। अमेरिका उसकी कार्रवाई से भड़के बिना नहीं रहेगा, न ही वह शांतिपूर्ण देशों के लिए इस तरह के मिलिट्री एक्शन पर उन्हें झुकने देगा। आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच टकराव के दो माह पूरे होने वाले हैं और चीन अपनी जिद पर अड़ा हुआ है।
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कम्युनिस्ट पार्टी के अनुरूप ही चीन का बर्ताव
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य टेड योहो ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा कि अब दुनिया के लिए समय आ चुका है जब उसे चीन के खिलाफ एक साथ आना होगा। दुनिया को अब चीन को यह संदेश देना होगा कि अब बहुत हो चुका है। उन्होंने लिखा, 'चीन के एक्शन भारत की तरफ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीसीपी) की विचारधारा के अनुरूप ही हैं जहां चह कोविड-19 महामारी पर जारी दुविधा की आड़ में बड़े स्तर पर क्षेत्र में मौजूद अपने पड़ोसियों जिसमें हांगकांग, ताइवान और वियतनाम भी शामिल हैं, सैन्य तौर पर भड़काने में लगा है।' रिपब्लिकन पार्टी के सांसद ने कहा कि अमेरिका इस तरह की कार्रवाई पर बिना भड़के नहीं रहेगा।
एमी बेरा ने भी किया चीन का विरोध
टेड योहो के अलावा कांग्रेस के एक और सदस्य भारतीय मूल के सांसद डॉक्टर एमी बेरा ने भारत के खिलाफ एलएसी पर जारी चीनी आक्रामकता को लेकर चिंता जाहिर की है। एमी बेरा, अमेरिका की प्रतिनिधि सभा के सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले सदस्य हैं। बेरा ने अपने ट्वीट में कहा, 'मैं भारत के साथ टकराव की स्थिति को टालने के लिए चीन को राजनयिक तंत्र का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं न कि सेना के जरिए सीमा विवाद को सुलझाया जाए।' भारत और चीन दोनों ही देशों के बीच लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर वार्ता जारी है। 15 जून को गलवान घाटी में टकराव हिंसक हो गया था और इस हिंसा में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।