राष्ट्रपति चुनावों से पहले पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन तनाव पर ट्रंप के अधिकारियों का बड़ा बयान
वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच 27 अक्टूबर को तीसरी 2+2 मीटिंग होनी है। इस बार यह मीटिंग ऐसे समय में हो रही है जब पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ टकराव जारी है। ऐसे में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अगले हफ्ते जब भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेशी मंत्री बातचीत की टेबल पर होंगे तो इसका भी जिक्र होगा। अमेरिका की तरफ से भी इसका इशारा कर दिया गया है। शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि चीन और भारत के बीच तनाव पर अमेरिका करीब से नजरें रखे हुए है।
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चीन की आक्रामकता का जवाब देता भारत
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर अगले हफ्ते भारत आ रहे हैं। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि जिस तरह से भारत ने दक्षिण-पूर्वी एशिया में अपनी पकड़ बनाई है जिसमें साउथ चाइना सी पर उसकी सैन्य मौजूदगी भी शामिल है, वह सराहनीय है। एक ऑनलाइन मीडिया ब्रीफिंग में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि भारत अपने साझीदारों के साथ मिलकर हिमालय से लेकर साउथ चाइना सी के विवादित क्षेत्र पर चीन की आक्रामकता का जवाब दे रहा है। अधिकारियों की मानें तो अमेरिका चाहता है कि भारत अपने रोल को और विस्तृत करे और दूसरे क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ बनाए। उनका कहना था कि चीन, हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर हिमालय और साउथ चाइना सी पर अपना आक्रामक रवैया जारी रखे है और ऐसे में अमेरिका को भारत जैसे साथियों की जरूरत है।
अगले माह एक बड़ी नेवी एक्सरसाइज
ट्रंप प्रशासन इस बात से भी काफी खुश है कि भारत ने मालाबार नौसेना अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया को भी शामिल करने का फैसला किया है। अगले माह नवंबर में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ इंडियन नेवी मालाबार एक्सरसाइज को अंजाम देगी। साल 2007 में इस युद्धाभ्यास की शुरुआत हुई थी और पहला मौका होगा जब ऑस्ट्रेलिया भी इसमें शामिल होगा। अमेरिकी अधिकारियों ने गलवान घाटी में 20 जून को हुई घटना का जिक्र करते हुए कहा कि भारत सरकार जिस तरह से स्थिति को संभाल रही है, उसे समझा जा सकता है। अमेरिका इस पर करीब से नजर रखे है और निश्चित तौर पर वह नहीं चाहता है कि टकराव बढ़े। दूसरी ओर, दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के अमेरिकी उप-मुख्य सचिव की तरफ से इस मीटिंग से पहले बड़ी टिप्पणी की गई है। उन्होंने कहा है कि बेका और दूसरे समझौतों की दिशा में कार्य जारी है। उन्होंने यह भी कहा था कि मीटिंग में एलएसी पर भी चर्चा होगी। मुख्य सचिव की मानें तो अमेरिका लगातार एलएसी की स्थिति पर नजर रचो हुए है। भारत और चीन दोनों ही तनाव को कम करने की इच्छा जता चुके हैं।