लोकसभा चुनाव को लेकर अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने दी बड़ी चेतावनी
नई दिल्ली। देश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट सामने आई है जिसमे कहा गया है देश में सांप्रदायिक माहौल बिगड़ सकता है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी की ताजा रिपोर्ट जोकि दुनियाभर में संभावित तनाव की चेतावनी का आंकलन करती है, उसने भारत को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चेताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भाजपा हिंदू राष्ट्रवाद की मुहिम को आगे बढ़ाना जारी रखती है और पाकिस्तान द्वारा देश में आतंकी साजिश फैलाने का आरोप लगाना जारी रखता है तो आने वाले समय में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है।
ईरान नहीं कर रहा परमाणु परीक्षण
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में दक्षिण एशिया में चुनौती बढ़ सकती है, जिस तरह से जुलाई माह में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति का चुनाव है, तालिबान के के बड़े स्तर पर हमले, पाकिस्तान का मामम गुटों के साथ संबंध और भारत में चुनाव के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की संभावना है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ईरान फिलहाल परमाणु हथियार बनाने के लिए कोई टेस्ट नहीं कर रहा है और नॉर्थ कोरिया मुमकिन है कि अपना परमाणु अभिायन बंद कर दे।
ट्ंप का दावा खारिज
रिपोर्ट में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज किया गया है जिसमे कहा गया था कि आईएसआईएस का अंत हो चुका है। इसमे कहा गया है कि आईएस अभी भी ईरान और सीरिया में हजारों लड़ाकों पर नियंत्रण रखता है। यह रिपोर्ट यूएस कांग्रेस में मंगलवार को यूएस इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डेनियल कोट ने पेश की है। भारत के बारे में इस रिपोर्ट में कहा चेताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की नीतियों की वजह से सांप्रदायिक तनाव बढ़ा है। आने वाले चुनाव में समर्थकों को भड़काया जा सकता है जिससे कि पार्टी को फायदा मिले।
भारत में बढ़ सकता है आईएस का प्रभाव
साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सांप्रदायिक तनाव की वजह से भारतीय मुसलमानों निशाने पर आ सकते हैं, जिससे भारत में आईएस का प्रभाव बढ़ने में मदद मिल सकती है। वहीं पाकिस्तान को लेकर भी रिपोर्ट में चेतावनी जारी की गई है। इसमे कहा गया है कि पाकिस्तान जिन आतंकी गुटों को मदद करता है वह आने वाले समय में भी पाकिस्तान में शरण लेने में कामयाब रहेंगे और ये लोग अमेरिकी हितों के खिलाफ भारत और अफगानिस्तान पर हमला करने की साजिश रच सकते हैं।
अफगानिस्तान में नहीं होगा किसी को लाभ
वहीं
अफगानिस्तान
के
पर
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
अफगानिस्तान
में
ना
तो
सरकार
और
ना
ही
तालिबानी
किसी
भी
तरह
की
सैन्य
रणनीति
में
लाभ
हासिल
कर
पाएंगे।
आने
वाले
समय
में
अफगान
युद्ध
में
अगर
गठबंधन
का
का
समर्थन
पहले
जैसा
रहता
है
तो
अफगानिस्तान
सरकार
और
तालिबानियों
को
कोई
लाभ
नहीं
होगा।
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