बाइडेन के पॉवर में आते ही Saudi Crown Prince की बढ़ी मुश्किल, Khashoggi मर्डर पर जारी होगी रिपोर्ट
Jamal Khashoggi Murder: जैसा की उम्मीद थी, जो बाइडेन के अमेरिका का राष्ट्रपति बनते ही सऊदी राजशाही खानदान की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। बाइडेन द्वारा नामित अमेरिका की नई नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर ने कहा है कि वह सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोग्गी की हत्या के जिम्मेदार लोगों के बारे में रिपोर्ट जारी करेंगी। जमाल खशोग्गी की तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कर दी गई थी और उनके शव को गायब कर दिया गया था। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर इस हत्या को करवाने का आरोप लगा था।
तुर्की स्थित सऊदी वाणिज्यित दूतावास में हत्या
अमेरिकी की नई नेशनल इंटेलिजेंस चीफ एव्रिल हेन्स, जो कि इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला है, ने अपनी कन्फर्मेशन की सुनवाई के दौरान मंगलवार को वादा किया है कि वह खशोग्गी की हत्या पर रिपोर्ट जारी करेंगी। अमेरिकी कांग्रेस ने खशोग्गी की हत्या पर सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करने की मांग की थी लेकिन ट्रंप प्रशासन ने ऐसा नहीं किया था। दुनिया भर में दूतावास में हत्या को लेकर सऊदी अरब की आलोचना हुई थी लेकिन ट्रंप प्रशासन ने सऊदी अरब पर इस मामले में बरी कर दिया था।
सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोग्गी की 2018 में तुर्की के इस्तांबुल स्थित सऊदी वाणिज्यिक दूतावास में हत्या कर दी गई थी। खशोग्गी पहले सऊदी राजघराने के करीबी थे लेकिन बाद में वह उसके आलोचक हो गए थे और अमेरिका में रहने लगे थे। वह अपनी तुर्की मूल की मंगेतर से शादी करने वाले थे और उसी सिलसिले में तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में गए थे। इसी दौरान सऊदी अरब से पहुंचे एजेंटों ने दूतावास के अंदर ही उनकी हत्या कर दी थी। उनकी लाश भी अभी तक नहीं मिल पाई है। MBS के नाम से मशहूर सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर उनकी हत्या करवाने का आरोप लगा था।
पहले तो सऊदी अरब ने हत्या की बात से इनकार किया था लेकिन बाद में कई सारे सबूत पश्चिमी मीडिया में प्रकाशित किए गए जिसके बाद सऊदी अरब ने हत्या की बात मानी और जांच किए जाने की बात कही। बाद में सऊदी अरब ने कहा कि इसमें क्राउन प्रिंस का कोई हाथ नहीं है और इसे कुछ एजेंटों ने अंजाम दिया था जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है।
ट्रंप ने खशोग्गी मामले पर किया था MBS का समर्थन
दुनिया ने सऊदी के इस दावे को स्वीकार नहीं किया था लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के फायदे (सऊदी के साथ हथियार सौदा) को मानवाधिकार जैसे मुद्दों से आगे रखा और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस का अपना समर्थन दिया।
लेकिन ये जमाल खशोग्गी का केस अमेरिकी कांग्रेस में चर्चा में बना रहा और इस पर ठोस कार्रवाई की मांग उठती रही। वहीं बुधवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले जो बाइडेन भी सऊदी अरब के खिलाफ पहले ही सख्त रुख अपनाने का संकेत दे चुके हैं।
अमेरिका अगर ये रिपोर्ट जारी करता है तो सऊदी अरब और अमेरिका के संबधों में तनाव आना स्वाभाविक है। साथ ही रिपोर्ट सऊदी अरब के लिए भी चिंता की बात है क्योंकि यह ऐसे समय में आ रही है जब सऊदी अरब तेल से आर्थिक मुद्दे पर मुश्किलों का सामना कर रहा है साथ ही उसे शाही खानदान में भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
क्राउन प्रिंस पर अमेरिका में भी मुकदमे
इसके साथ ही सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के खिलाफ अमेरिका में दो मुकदमों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे खत्म करने के लिए सऊदी अरब ने ट्रंप प्रशासन से भी अपील की थी। इनमें एक खशोग्गी की हत्या से जुड़ा है जबकि दूसरा अमेरिका में सऊदी हत्यारों को भेजकर एक सऊदी प्रशासन के एक पूर्व अधिकारी की हत्या से जुड़ा है।
इन मुकदमों ने सऊदी अरब के शाही घराने की छवि को धक्का पहुंचाया है। यही वजह है कि सऊदी अरब ने इसे खत्म करने का अनुरोध किया था।
खशोग्गी की हत्या ने सऊदी क्राउन प्रिंस के तेल की निर्भरता कम करने को अभियान को भी चोट पहुंचाई है। क्राउन प्रिंस सऊदी अरब में विदेशों निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं लेकिन खशोग्गी की हत्या के बाद हो रही आलोचनाओं के चलते कई बड़े निवेशकों ने अपने हाथ पीछे खीच लिए हैं। ऐसे में दोबारा अगर खशोग्गी केस की फाइल खुलती है तो क्राउन प्रिंस के नया सऊदी अरब बनाने के प्लान को झटका लगना तय है।