आपके आईफोन, एंड्रॉयड फोन के मैसेजेस पढ़ रहा है अमेरिका!
विकीलीक्स की रिपोर्ट का दावा दुनिया में किसी भी आईफोन, एंड्रॉयड फोन और स्मार्ट डिवाइसेज को पल में हैक कर सकती है अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए।
वॉशिंगटन। विकीलीक्स ने एक बार फिर से एक रिपोर्ट जारी की है और अगर आप एप्पल आईफोन या फिर गूगल आधारित एंड्रॉयड फोन का प्रयोग करते हैं, तो आपको डरने की जरूरत है। विकीलीक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिकी इंटेलीजेंस एजेंसी सीआईए पलभर में इन डिवाइसेज को हैक कर सकती है। सीआईए पर विकीलीक्स की यह रिपोर्ट हजारों पेज की है और इसमें सीआईए की हैकिंग टेक्निक्स के बारे में बताया गया है। ये ऐसी टेक्निक्स हैं जो पिछले कई वर्षों से सीआईए प्रयोग कर रही है।
वर्ष 2013 से 2016 के बीच आंकड़ें
रिपोर्ट में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स की सुरक्षा को लेकर खासी चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में जो ट्रांसक्रिप्ट्स हैं उनके मुताबिक आईफोन, एंड्रॉयड फोन और दूसरी डिवाइसेज के अलावा दूसरे गैजेट्स में मौजूद टेक्स्ट्स और व्यॉइस मैसेज को सीआईए के हैकर्स आसानी से पढ़ सकते हैं और वह भी सॉफ्टवेयर के साथ इनक्रिप्ट हुए। साइबर सिक्योरिटी के विशेषज्ञ रिपोर्ट में कही गई बातों से सहमत नहीं हैं लेकिन उनका कहना है कि काफी कुछ इस बात पर निर्भर है कि विकीलीक्स ने उन्हीं हैकिंग तरीकों का जिक्र किया जिनसे वाकई खतरा हो सकता है। रिपोर्ट में डाटा दिए हुए हैं वे वर्ष 2013 से 2016 के बीच के हैं और कानूनी नजर आ रहे हैं।
कई कंपनियों के साथ साझेदारी
विकीलीक्स ने जो दावे किए हैं उनमें सबसे अहम है सीआईए की दूसरी अमेरिकी और विदेशी कंपनियों के साथ साझेदारी होना। इसकी वजह से सीआईए को लोकप्रिय मैसेजिंग एप्स जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम और सिग्नल पर मौजूद मैसेज मिल सके। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि सिग्नल का इनक्रिप्शन या फिर दूसरी सुरक्षित मैसेजिंग एप्स के साथ क्या कोई समझौता किया गया। विकीलीक्स का कहना है कि करीब 7,818 वेब पेज और 943 अटैचमेंट्स इस बात की ओर से इशारा करते हैं कि हाल के वर्षों में अमेरिकी एजेंसी ने सेंध लगाई है। इस रिपोर्ट के बारे में सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रिपोर्ट काफी खतरनाक है लेकिन उन्होंने इसे वर्ष 2013 में पूर्व अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के ऑफिसर एडवर्ड स्नोडेन की ओर से हुए खुलासे के साथ तुलना करने से इंकार कर दिया।