2+2 dialogue: अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा भारत के साथ रिश्ते काफी अहम, अर्थव्यवस्था में NRIs का योगदान अनमोल
वॉशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच दूसरी 2+2 वार्ता का आयोजन इस समय अमेरिका में हो रहा है। इस वार्ता में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस समय अमेरिका में हैं और बुधवार को उन्होंने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक एस्पर से मुलाकात की है। अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से भी इस वार्ता पर आधिकारिक बयान जारी किया गया है। आपको बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच पिछले वर्ष से इस वार्ता का आयोजन शुरू हुआ है। सितंबर 2018 में इस वार्ता का पहला आयोजन हुआ और उस समय तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपेयो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटीज भारत आए थे।
वार्ता रिश्तों की रणनीतिक अहमियत
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑरटाग्स की तरफ से इस वार्ता पर आधिकारिक बयान जारी किया गया है। मॉर्गन ने कहा कि 2+2 वार्ता भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की अहमियत को बयां करती है।मॉर्गन ने कहा कि भारत के साथ बातचीत करने के लिए कई मुद्दे हैं जिसमें काउंटर-टेररिज्म, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा अहम हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी दोनों हर देशों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही उन्होंने इंडो-पैसेफिक क्षेत्र की सीमा की अहमियत के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दोनों ही देश इंडो-पैसेफिक के साझेदार हैं और अमेरिका एक मुक्त और खुले क्षेत्र की दिशा के लिए काम करना चाहता है।
सात बिलियन डॉलर का योगदान
मॉर्गन ने इस समय अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में मौजूद भारतीय छात्रों की संख्या के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि इस समय अमेरिका की अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में करीब 200,000 छात्र मौजूद हैं और यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। ये छात्र अमेरिकी अर्थव्यवस्था की दिशा में करीब सात बिलियन डॉलर का योगदान करते हैं। विदेश विभाग की मानें तो भारतीय-अमेरिकी अमेरिका के लिए जो योगदान कर रहे हैं, उससे कभी भी इनकार नहीं किया जा सकता है। ये अमेरिकी चुने हुए ऑफिसेज में भी अपनी सेवाएं देकर अपने योगदान को और महान बना रहे हैं।