अमेरिका ने ईरान पर लगाए नए प्रतिबंध, सुप्रीम लीडर खेमनेई को बनाया निशाना
वॉशिंगटन। सोमवार को अमेरिका ने ईरान पर नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बारे में बताया कि वह तेहरान पर नए और पहले से ज्यादा सख्त प्रतिबंध लगा रहे हैं। खास बात है कि इस बार अमेरिका ने अपने प्रतिबंधों में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला खेमनेई को भी निशाने पर लिया है। ईरान ने पिछले दिनों अमेरिका के एक सर्विलांस ड्रोन को मार गिराया था और इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच तनाव नए सिरे पर पहुंच गया है। अमेरिका की ओर से उठाया गया यह कदम इसी तनाव के तहत लिया गया फैसला है।
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ईरान के विदेश मंत्री भी होंगे प्रतिबंधित
खेमनेई, ईरान के सर्वोच्च नेता हैं और अमेरिका का मानना है कि ईरान जिस तरह का बर्ताव कर रहा है, उसके पीछे वही जिम्मेदार हैं। इसलिए उन्हें निशाना बनाया गया है। खेमनेई, ईरान की राजनीति और मिलिट्री पर काफी असर रखते हैं। इसके अलावा उनके पास असीमित आर्थिक शक्तियां हैं। ट्रंप की मानें तो उनका संयम ज्यादा देर तक नहीं रहेगा। अमेरिका ने ईरान के आठ सीनियर कमांडर्स को भी प्रतिबंधों में निशाना बनाया है। ये कमांडर्स ईरान की इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड कोर यानी आईआरजीसी से जुड़े हैं। अमेरिका का कहना है कि इन कमांडर्स की देखरेख में हर आईआरजीसी अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहा है। अमेरिका ने कहा है कि वह ईरानी विदेश जावेद जारीफ को भी इस हफ्ते प्रतिबंधित करनेगा। वहीं अमेरिका में ईरान के राजदूत ने किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया है।
युद्ध के लिए व्याकुल हो रहा अमेरिका
जारीफ ने इस पर कहा है कि अमेरिका एक 'घिनौनी कूटनीति' का प्रदर्शन कर रहा है। अमेरिका की ओर से फैसले के बाद जारीफ ने ट्वीट किया। जारीफ ने अपने ट्वीट में ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह युद्ध के लिए व्याकुल हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में अमेरिका और ईरान के बीच तनाव काफी हद तक बढ़ गया है। वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीव म्यूशिन की मानें तो ट्रंप के एग्जिक्यूटिव ऑर्डर से पहले ही ईरान पर ऐसे प्रतिबंध लगा दिए गए थे जिसमें उसे बिलियन डॉलर्स की संपत्ति का नुकसान हुआ है। ईरान और अमेरिका के हालातों को देखने के बाद यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की ओर से दोनों देशों से शांत रहने की अपील की गई है। सिक्योरिटी काउंसिल ने मसले का कूटनीति के प्रयोग से हल करन का सुझाव दिया है।