अमेरिका में शटडाउन: बिना सैलरी के क्रिसमस मनाने को मजबूर आठ लाख सरकारी कर्मचारी
वॉशिंगटन। अमेरिका में मैक्सिको बॉर्डर वॉल को लेकर तीसरी बार सरकार को शट डाउन झेलना पड़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी को स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। ट्रंप ने कहा कि पिछले ही हफ्ते उन्होंने इस बात की जानकारी दे दी थी कि अमेरिकी बॉर्डर से सटे मैक्सिको पर बॉर्डर वॉल के लिए फंड हासिल न होने की स्थिति में सरकार की कुछ संस्थाओं को बंदी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इन सबके बीच क्रिसमस और हॉलीडे सीजन में सरकार से जुड़ी इंप्लॉयीज को नुकसान झेलना पड़ रहा है। सरकारी संस्थाओं के करीब आठ लाख इंप्लॉयीज को छुट्टियों के सीजन में सैलरी नहीं मिलेगी।
कब खत्म होगा शटडाउन, कोई नहीं जानता
शनिवार वार को अमेरिकी कांग्रेस और व्हाइट हाउस बीच बातचीत जारी थी लेकिन यह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। फेडरल स्पेंडिंग बिल के पास हुए बिना ही शनिवार को अमेरिकी कांग्रेस स्थगित हो गई। इसके साथ ही शुक्रवार देर रात से कई अहम सरकारी संस्थाओं के कामकाज ठप हो गए हैं। ट्रंप अपनी मांग पर अड़े हैं और उन्हें मैक्सिको के साथ लगी सीमा पर एक बॉर्डर वॉल तैयार करानी है। इस दिवार पर करीब पांच बिलियन डॉलर का खर्च आएगा। डेमोक्रेट्स ने इसका विरोध किया है। इस वजह से कांग्रेस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। जिसका नतीजा है कि कई एजेंसियों को नुकसान झेलना होगा। अभी तक यह साफ नहीं हो सका है कि शटडाउन कब तक चलेगा। लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि यह जल्द खत्म होगा।
नासा के इंप्लॉयीज भेजे गए घर
आठ लाख सरकारी कर्मी इस शटडाउन से प्रभावित होंगे। शटडाउन की वजह से या तो उन्हें बिना पैसे के काम करना पड़ेगा या फिर बिना पैसे की क्रिसमस की छुट्टियां बितानी पड़ेगी। करीब 75 सरकारी कर्मचारी जिसमें मिलिट्री, स्वास्थ्य और मानव संसाधन भी शामिल हैं, सितंबर 2019 तक की सैलरी दे दी गई है। वहीं 25 प्रतिशत कर्मचारियों को शनिवार तक सैलरी नहीं मिली थी। ज्यादातर नासा इंप्लॉयीज को उनके घर भेज दिया गया है। वहीं कॉमर्स डिपार्टमेंट, होमलैंड सिक्योरिटी, जस्टिस, कृषि और विदेश विभाग के इंप्लॉयीज को भी घर चले जाने को कहा गया है।
क्या है शटडाउन
अमेरिका में एंटी-डेफिशिएंसी नाम का कानून है, जिसके तहत पैसों की कमी होने पर सरकारी कर्मचारियों को काम रोकना होता है। कैपिटॉल हिल यानी संसद में फंडिंग के किसी मसले पर रजामंदी न हो पाने पर ऐसी स्थिति पैदा होती है। शटडाउन के तहत सरकारी कर्मचारियों को जरूरी और कम-जरूरी, इन दो समूहों में बांट दिया जाता है। पहली श्रेणी के कर्मचारी काम पर तो आते हैं, लेकिन उन्हें वेतन नहीं मिलता। वहीं दूसरी श्रेणी के कर्मचारी घर बिठा दिए जाते हैं, जब तक कि शटडाउन खत्म न हो जाए। इसके खत्म होने के बाद कर्मचारियों को उनका वेतन मिलता है और काम शुरू हो जाता है।