अमेरिकी अथॉरिटीज ने जानबूझकर भारतीय छात्रों को फंसाया, एनआरआई अटॉर्नी का दावा
वॉशिंगटन। भारतीय अमेरिकी अटॉर्नी ने मंगलवार को अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने जानबूझकर एक झूठी यूनिवर्सिटी तैयार की। इसके जरिए उन्होंने हजारों मील बैठे कई स्टूडेंट्स को भ्रमित किया। पिछले दिनों वीजा स्कैम में अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने 130 छात्रों को गिरफ्तार किया था। इसमें से 129 छात्र भारतीय हैं। हिरासत में लिए भारतीय छात्रों की ओर से लगातार दूतावास में फोन किया जा रहा है और वे सभी मदद की गुहार लगा रहे हैं।
विदेश विभाग ने छात्रों को बताया दोषी
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से भारतीय छात्रों को दोषी ठहराया गया है और कहा गया है कि इन छात्रों को अच्छे से मालूम था कि वे सब क्या कर रहे हैं। सबकुछ जानते हुए उन्होंने यह अपराध किया है। जिस फेक यूनिवर्सिटी में एडमिशन की वजह से भारतीय छात्रों को गिरफ्तार किया गया है, उसे होमलैंड सिक्योरिटी की ओर से स्थापित किया गया था। कैलिफोर्निया की इमीग्रेशन अटॉर्नी अनु पेशावारिया ने कहा कि अंडरकवर ऑपरेशन की वजह से सैंकड़ों भारतीय छात्रों को बुरे परिणाम झेलने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हम यह नहीं कह रहे हैं कि छात्रों की कोई गलती नहीं है। उन्हें यहां पर आने से पहले इसके बारे में पूरी पड़ताल करनी चाहिए थी। अगर उन्होंने जानबूझकर यह अपराध किया है तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए लेकिन अगर उन्हें फंसाया गया है या फिर अपराध करने के लिए प्रोत्साहित किया गया तो फिर हमें उनकी मदद करने की जरूरत है।'
छात्रों को किया जा सकता है ब्लैकमेल
पिछले हफ्ते अमेरिकी इमीग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट की ओर से आंकड़ें जारी किए गए हैं। इन आंकड़ों में कहा गया था कि झूठी यूनिवर्सिटी फार्मिंगंटन यूनिवर्सिटी के 600 छात्रों में से 130 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। इनमें से 129 छात्र भारतीय हैं। इनमें से कई छात्रों को या तो रिहा कर दिया गया है या फिर उन्हें कड़ी निगरानी में रखा गया है। कई छात्रों ने देश ही छोड़ दिया है। पेशावरिया का कहना है कि कुछ छात्रों को इस बात की चिंता है कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा और उनकी पढ़ाई के कई वर्ष यूं ही व्यर्थ चले जाएंगे। पेशावरिया के मुताबिक इन छात्रों को पूरी जिंदगी ब्लैकमेल भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह बात और ज्यादा हैरान करने वाली है कि यूनिवर्सिटी एजुकेशन बोर्ड के साथ रजिस्टर्ड है और इसके पास I-20 तक के छात्रों को सर्टिफिकेट देने का भी अधिकार है।