अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बढ़ाई विदेशी छात्रों की मुसीबतें
अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। अमेरिकी सरकारकी ओर से जारी नए नीतिगत निर्देशों के बाद लाखों छात्रों का भविष्य अधर में आ गया है। अमेरिकी सरकार की नई नीति नौ अगस्त से लागू होगी।
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वॉशिंगटन। अमेरिका में रहकर पढ़ाई कर रहे कई अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मुसीबतें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। अमेरिकी सरकारकी ओर से जारी नए नीतिगत निर्देशों के बाद लाखों छात्रों का भविष्य अधर में आ गया है। अमेरिकी सरकार की नई नीति नौ अगस्त से लागू होगी और इस नई नीति के तहत 'स्टूडेंट स्टेटस' का उल्लंघन करने के अगले दिन ही छात्र और उसके साथ गए व्यक्ति को अमेरिका में अवैध माना जाएगा, भले ही उनके रुकने की अवधि पूरी नहीं हुई हो।
पहले क्या था नियम
अमेरिका में इस समय 1.86 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्र हैं जिसमें भारतीय छात्र भी शामिल हैं। इस नई नीति के तहत अगर उल्लंघन के 180 दिन बाद छात्र अमेरिका छोड़ता है तो 3 से 10 साल तक के लिए वापसी प्रतिबंधित हो सकती है। इंग्लिश डेली टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से यह जानकारी दी गई है। इस नई नीति से पहले जो नियम था उसके मुताबिक अवैध मौजूदगी तब करार दी जा सकती है जब उल्लंघन का पता लगा हो या इमीग्रेशन जज इस बारे में आदेश दें। अवैध मौजूदगी भी केवल मंजूरी से ज्यादा समय तक रुकने पर नहीं बल्कि कई कारणों से हो सकती है। जैसे किसी छात्र ने शिक्षण संस्थान में पढ़ाई के लिए एक हफ्ते के अंदर अनिवार्य तय समय सीमा को पूरा नहीं किया तो उसे अवैध माना जा सकता है। अनधिकृत नौकरी या ज्यादा रुकने पर भी यह हो सकता है।
इस नीति के तहत यदि किसी का स्टूडेंट स्टेटस चला जाता है तो वह पांच महीने के अंदर बहाली का आवेदन दे सकता है। ऐसा करने पर अवैध मौजूदगी के दिनों की गिनती रुक जाएगी। हालांकि, अगर आवेदन खारिज कर दिया गया तो खारिज किए जाने के अगले दिन से यह फिर शुरू हो जाएगी। न्यूयॉर्क में आप्रवासन अटर्नी और एक लॉ फर्म में मैनेजिंग पार्टनर साइरस डी मेहता ने बताया कि अगर किसी छात्र ने अनजाने में अपना स्टेटस खो दिया है और उसे कई साल बाद इस बारे में पता चलता है तो उल्लंघन के दिन से उसकी मौजूदगी अवैध मानी जाएगी और उसे अमेरिका में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।