UNSC में मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने वाला प्रस्ताव, अमेरिका ने बढ़ाया दबाव
वॉशिंगटन। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने के तरफ फिर से कदम बढ़ाया है। न्यूज एजेंसी रायॅटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका की तरफ से एक नया प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव को ब्रिटेन और फ्रांस की मदद से मिलकर तैयार किया गया है। 15 सदस्यों वाली यूएनएससी में पेश इस प्रस्ताव में कहा गया है कि जैश सरगना मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित किया जाए। उस पर हथियारों की पाबंदी लगाई जाए और उसे यात्रा करने से बैन किया जाए।
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दो हफ्तों पहले चीन ने डाला अड़ंगा
दो हफ्तों पहले ही चीन ने अजहर को ब्लैक लिस्ट करने वाले प्रस्ताव को वीटो देकर गिरा दिया था। चीन ने टेक्निकल होल्ड लगाकर चौथी बार अजहर को ब्लैकलिस्ट होने से रोक दिया था। अमेरिका की ओर से इस प्रस्ताव को काउंसिल में सदस्यों को दिया गया है। 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। सीआरपीएफ के काफिले पर हुए इस आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी बढ़ गया था। दोनों देशों ने 27 फरवरी को दावा किया था कि उन्होंने एक दूसरे के फाइटर जेट को गिरा दिया है।
साल 2016 और 2017 में चीन बना रोड़ा
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने यूएनएससी की आईएसआईएस और अल कायदा प्रतिबंधि समिति से अजहर को ब्लैकलिस्ट करने को कहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से कहा गया कि चीन ने इस प्रस्ताव का विस्तृत अध्ययन किया है लेकिन अभी उसे इस पर विचार के लिए और समय चाहिए। चीन ने साल 2016 और फिर 2017 में भी अजहर को प्रतिबंधित करने वाले प्रस्ताव को वीटो लगाकर खारिज कर दिया था। अभी तक इस नए प्रस्ताव पर चीन की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
साल 2001 से यूएन में बैन है जैश
जैश के तार अल कायदा से जुड़े हैं और यह संगठन हमेशा भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता आया है। जैश को साल 2001 में यूएनएससी ने बैन कर दिया था। दिसंबर 2001 में जैश और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर भारत की संसद पर आतंकी हमला किया था। इस हमले के बाद भी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात पैदा हो गए थे। चीन को यूएनएससी में अजहर पर टेक्निकल होल्ड के लिए खास वजहों के बारे में यूएनएससी सदस्यों को इस हफ्ते जानकारी देनी होगी।