US Election 2020: अमेरिका की एजेंसी ने माना जो बाइडेन को विजेता, अब ट्रंप को सौंपनी होगी अपनी सत्ता
वॉशिंगटन। अमेरिका में अब डेमोक्रेट जो बाइडेन के प्रशासन के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। जनरल सर्विस एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) ने बाइडेन को विजेता के तौर पर मान लिया है और अब आधिकारिक तौर पर ट्रांजिशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं रिपब्लिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अभी तक अपनी हार नहीं स्वीकारी है। ट्रंप ने ट्वीट की ट्रांजिशन में मदद का वादा तो किया है लेकिन साथ ही यह भी कहा है कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
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20 जनवरी को शपथ लेंगे बाइडेन
3 नवंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बाइडेन को बड़ी जीत हासिल हुई है और उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। जीएसए ने सोमवार को बाइडेन को 'आंशिक विजेता' के तौर पर स्वीकार कर लिया है। जीएसए की मंजूरी के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की तरफ से ट्रांजिशन की प्रक्रिया का रास्ता भी साफ हो गया है। ट्रंप प्रशासन की तरफ से बाइडेन को फेडरल एजेंसियों के साथ आपसी सहयोग की मंजूरी भी मिल गई है। बाइडेन 20 जनवरी 2021 को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। जीएसए की मुखिया एमिली मर्फी ने उस समय यह फैसला लिया है जब ट्रंप हर बैटलग्राउंड राज्य में वोट की दोबारा गिनती के बाद आए नतीजों को बदलने में असफल रहे हैं। उन्होंने हालिया घटनाक्रमों को हवाला दिया और कहा कि चुनावी नतीजों को अब प्रमाणिकता की जरूरत है। मिशीगन में भी सोमवार को बाइडेन की जीत पुष्टि हो गई है। पेंसिलवेनिया में शनिवार को ट्रंप कैंपेन की तरफ से जो याचिका दायर की गई थी उसे जज ने खारिज कर दिया है। इस याचिका में ट्रंप कैंपेन ने राज्य में जीत का ऐलान न करने की अपील की थी।
अब शुरू होंगी कई प्रक्रियाएं
बाइडेन ट्रांजिशन टीम के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर योहानेस अब्राहम की तरफ से बयान जारी किया गया है। बयान में कहा गया है, 'यह फैसला देश पर बढ़ती चुनौतियों का सामना करने और उससे निबटने के लिए बहुत जरूरी है जिसमें महामारी को नियंत्रित करना और हमारी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना शामिल है।' उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में ट्रांजिशन ऑफिशिल्स फेडरल ऑफिसर्स से मिलकर महामारी को लेकर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों और ट्रंप प्रशासन की तरफ से सरकारी एजेंसियों को खोखला करने की कोशिशों के बारे में भी समझ सकेंगे। जीएसए की मुखिया मर्फी की नियुक्ति ट्रंप की तरफ से ही की गई थी और हाल के दिनों में उन्हें खासी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। मर्फी पर बाइडेन की टीम को काम करने से रोकने का आरोप तक लगा है। मर्फी की तरफ से बाइडेन को चिट्ठी लिखकर कहा गया है, 'कृप्या यह बात जान लीजिए कि मैंने यह फैसला स्वतंत्र तौर पर लिया है जो कि पूरी तरह से कानून और तथ्यों पर आधारित है। मुझ पर कभी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कोई दबाव नहीं था।'