अपने लिए खास शहर इरबिल काे बचाने के लिए इराक में अमेरिका बैक इन एक्शन
आईएसआईएस के आतंक से इराक और इसके अहम शहरों को आजाद कराने के लिए अमेरिका ने यहां पर हवाई हमले शुरू कर दिए हैं। अमेरिका ने इराक के सबसे अहम शहर इरबिल पर हमले शुरू कर दिए हैं।
अमेरिका के लिए क्या है इरबिल
अमेरिका एकदम से एक्शन में आया है और इसकी वजह कहीं न कहीं इराक का शहर इरबिल है। इरबिल ही वह जगह है जहां पर अमेरिका की तेल उत्पादक कंपनियां स्थित हैं।
अगर आईएसआईएस के आतंकी इरबिल पर अपना कब्जा कर लेते हैं तो यह अमेरिका के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बन सकती है। इसके साथ ही इराक में अगर अमेरिका कोई भी कार्रवाई करनी पड़ती है तो इरबिल उसका 'नर्व सेंटर' बनता है।
ऐसे में इरबिल पर आईएसआईएस का कब्जा अमेरिका की ताकत को चुनौती देने वाला साबित हो सकता है। शायद अमेरिका अपने सबसे खास इलाक इरबिल को बचाने के मकसद से ही अब इराक की लड़ाई में कूद पड़ा है।
ब्रिटेन का यूरोफाइटर भी है तैयार
शनिवार को अमेरिका ने दूसरे राउंड इराक पर हवाई हमले किए हैं। अमेरिका ने इन हमलों के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस F/A-18 जेट्स को डेप्लॉयड किया है। चार फाइटर जेट्स इस समय इराक में आतंकियों पर हवाई हमले करने में व्यस्त हैं।
खास बात है कि अमेरिका की इस कार्रवाई को उसके पुराने साथी ब्रिटेन का भी सहयोग मिल रहा है।
शुक्रवार को नॉर्दर्न इराक में हुए हवाई हमलों में आतंकियों के कॉन्वॉय को तबाह कर दिया गया और साथ ही एक मोर्टार टीम की भी मौत हुई। पेंटागन ने इस बारे में जानकारी दी है।
इसके कुछ ही मिनटों बाद अमेरिकी ड्रोन को मोर्टार पोजिशन में तैनात कर आतंकियों के एक समूह का खात्मा किया गया। अमेरिका के 500 पौंड के आठ लेजर गाडडेड बम इराक पर बरसाए हैं।
ब्रिटेन ने भी अपने सबसे एडवांस फाइटर जेट्स यूरोफाइटर को तैयार रखा है। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन भी अमेरिका के साथ इन हमलों में शामिल हो सकता है।