अमेरिका ने मीडिल ईस्ट में भेजे अपने बॉम्बर्स, ईरान के साथ तनाव बढ़ा, विशेषज्ञ हैरान
वॉशिंगटन। अमेरिका और ईरान के बीच लगातार तनाव बना हुआ है। अमेरिका ने अब कैरियर स्ट्राइक ग्रुप और बॉम्बर्स को मीडिल ईस्ट में तैनाती के लिए रवाना कर दिया है। व्हाइट हाउस का कहना है कि उसने यह कदम तेहरान को एक स्पष्ट संदेश देने के लिए उठाया है जिसमें साफ है कि अमेरिकी हितों या फिर इसके साझेदारियों पर किसी भी तरह के हमले का करारा जवाब दिया जाएगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (एनएसए) जॉन बोल्टन की ओर से भी इसकी पुष्टि कर दी गई है।
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ईरान ने कहा तेल की काला बाजारी के लिए तैयार
बोल्टन ने कहा कि यूएसएस अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप को अमेरिका की सेंट्रल कमांड की तौर पर इस रीजन में भेजा गया है। उनका कहना है कि यह बहुत ही परेशान करने वाले और तनाव बढ़ाने वाले इशारे ईरान की ओर से किए जा रहे हैं और इसकी प्रतिक्रिया के तहत ही यह फैसला किया गया। बोल्टन के शब्दों में, 'अमेरिका किसी भी तरह का युद्ध ईरान से नहीं चाहता है लेकिन हम किसी भी हमले का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।' बोल्टन का कहना था कि हमला चाहे प्रॉक्सी हो या फिर इस्लामिक गार्ड कोर की ओर से हो या फिर इसके पीछे ईरान की की सेनाएं हों, अमेरिका हर जवाब देने को तैयार है।
विशेषज्ञ अमेरिका के इस फैसले से काफी हैरान हैं। उनका कहना है कि यह बहुत ही असाधारण है जब अमेरिका इतने बड़े स्तर पर मिलिट्री उपकरण को तैनात करता है। अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह देशों को ईरान से तेल लेने के लिए रोकेगा। अमेरिका चाहता है कि ईरान का तेल निर्यात जीरो हो जाए। कुछ दिनों पहले अमेरिका ने ईरान की रेवोल्यूशनरी गार्ड कोर को आतंकी संगठन घोषित किया है। वहीं ईरान का कहना है कि उसने पहले ही तेल को काला बाजार में बेचने के लिए पहले ही अपने सभी संसाधनों को तैयार कर दिया है।
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