'धार्मिक आजादी' को लेकर US ने भारत पर की कड़ी टिप्पणी, इंडिया के लिए की ये मांग
वाशिंगटन, अप्रैल 22: धार्मिक आजादी को लेकर अमेरिका की एक रिपोर्ट से भारत को फिर एक बार झटका मिला है। अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने यूएस कमीशन ने सिफारिश की है कि भारत को 'कंट्री ऑफ पार्टिकुलर कंसर्न' यानी विशेष चिंता वाले देशों की लिस्ट में रखा जाए। पिछले साल 2020 के बाद एक बार फिर भारत का नाम 'धार्मिक आजादी' की इस लिस्ट में फिर से डालने की सिफारिश की है। हालांकि भारत के अलावा इस लिस्ट में रूस, सीरिया और वियतनाम का नाम भी शामिल है।
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अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने अपनी सालाना रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय से 10 देशों को फिर से उसी लिस्ट में घोषित करने की मांग रखी है। जिनमें म्यांमार, चीन, इरीट्रिया, ईरान, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल हैं। आयोग ने भारत के अलावा रूस, सीरिया और वियतनाम को भी 'विशेष चिंता वाले देश' घोषित करने की सिफारिश की है। हालांकि ये सिफारिशें गैर-बाध्यकारी हैं और ट्रम्प प्रशासन ने पिछले वर्ष भारत को CPC नामित करने के लिए USCIRF की सिफारिश को अस्वीकार कर दिया था।
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अमेरिका आयोग की 2021 की रिपोर्ट की भारत की प्रमुख चिंताओं में नागरिकता संशोधन अधिनियम शामिल है, जो साल 2020 में प्रभावी हो गया था। इसके अलावा मार्च 2020 में तब्लीगी जमात मरकज को लेकर USCIRF ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में घृणित बयानबाजी ने भारत के अल्पसंख्यकों को टारगेट किया। वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में अंतर-विवाह को प्रतिबंधित करने का प्रयास, जो एक चिंता के रूप को उजागर कर रहा है। हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय ने पिछले साल ही साफ कर दिया था कि किसी भी विदेशी निकाय को भारतीयों के संविधान के तहत सुरक्षा के अधिकारों पर बोलने का हक नहीं है। आपको बता दें कि पिछले साल भारत ने USCIRF के सदस्यों को वीजा देने से इनकार कर दिया था, जो भारत का दौरा करना चाहते थे।