लश्कर, जैश की फंडिंग पर बड़ी चोट, अमेरिका ने 70 आतंकी संगठनों के 6.3 करोड़ डॉलर रोके
वाशिंगटन। US Blocks Terror Groups Funding: अमेरिका ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों के साथ ही वैश्विक आतंकवादी संगठनों के ऊपर बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी फंडिंग पर चोट पहुंचाई है। अमेरिका के वित्त विभाग ने 2019 के दौरान इन आतंकी संगठनों तक पहुंचने वाले 5.3 करोड़ डॉलर (लगभग 3.8 अरब रुपये) की रकम को रोक दिया।
कश्मीर में आतंक फैलाने वाले संगठन शामिल
अमेरिका ने जो रकम रोकी है उसमें लश्कर-ए-तैयबा के 3.42 लाख डॉलर (करीब 2.5 करोड़ रुपये), जैश-ए-मोहम्मद के 1775 डॉलर (1.26 लाख रुपये) और हरकत-उल-मुजाहिदीन अल इस्लामी की 45,798 डॉलर (33.5 लाख रुपये) की रकम शामिल थी। ये रकम इन आतंकी संगठनों तक विदेशों के जरिए पहुंचाई जा रही थी जिसे अमेरिका ने रोक दिया।
ये तीनों संगठन प्रमुख रूप से पाकिस्तान में आधारित हैं और ये तीनों जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार हैं। हरकत-उल-मुजाहिदीन मुख्य रूप से कश्मीर में ही आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है।
इसके साथ ही कश्मीर में आतंक फैलाने वाले पाकिस्तान स्थित एक और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन की 4321 डॉलर की रकम रोकी गई है। पिछले साल भी इस संगठन के लिए आने वाली फंडिंग को रोका गया था।
अलकायदा की रकम सबसे ज्यादा
पाकिस्तान स्थित एक और संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की भी 5067 डॉलर की रकम रोकी गई है। टीटीपी अफगान तालिबान की पाकिस्तानी शाखा है जो पाकिस्तान में बड़ी हिंसक घटनाओं के लिए जिम्मेदार रहा है। इस संगठन ने पाकिस्तान में इतना आतंक मचाया कि सेना को ऑपरेशन जज्ब-ए-अर्ब चलाना पड़ा था। यह पाकिस्तान में तब सक्रिय हुआ था जब पाकिस्तान की सरकार ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हमले में अमेरिका का साथ दिया था।
अमेरिका के वित्त विभाग का विदेशी संपत्ति नियंत्रण ऑफिस ने दुनिया भर के आतंकी संगठनों और आतंक को सपोर्ट करने वाले देशों के लिए होने वाली फंडिंग पर नजर रखता है और इन पर रोक लगाता है। इसके साथ ही इन पर आर्थिक प्रतिबंध भी लागू करता है।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका ने 2019 के दौरान दुनिया भर में सक्रिय लगभग 70 खूंखार आतंकी संगठनों तक विभिन्न माध्यमों से पहुंचने वाली 6.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 4.6 अरब रुपये) की रकम को रोक दिया। इनमें सबसे बड़ी रकम अलकायदा से जुड़ी थी जो 3.5 मिलियन डॉलर (28.5 करोड़) थी। इसके पहले 2008 में 48 मिलियन डॉलर की फंडिंग रोकी गई थी जिसमें अलकायदा की 6.8 मिलियन डॉलर की रकम शामिल थी।
लिट्टे का नाम भी शामिल
लिस्ट में अलकायदा की ही एक शाखा हक्कानी नेटवर्क का नाम भी शामिल है जिसकी 26,546 डॉलर की रकम रोकी गई है जो कि पिछले साल के 3626 डॉलर से काफी ज्यादा है। वहीं तालिबान की 2018 में 296,805 डॉलर की रकम रोकी गई थी जबकि 2019 में ये कम होकर 59,065 डॉलर हो गई है।
अमेरिका ने श्रीलंका में सक्रिय रहे आतंकी संगठन लिट्टे को पहुंचने वाली 580,811 डॉलर (4.2 करोड़ रुपये) की रकम भी सीज की है। इसके पहले 2018 में भी लिट्टे की इतनी ही रकम रोकी गई थी। इसके साथ ही अमेरिका ने आतंकी संगठनों को सपोर्ट करने वाले देशों की भी 200.19 मिलियन डॉलर (करीब 14 अरब रुपये) की राशि रोकी है। इन देशों में ईरान, सूडान, सीरिया और उत्तर कोरिया शामिल हैं।
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