बॉडी पर कमेंट करने वाले लोगों को अमेरिकी न्यूज एंकर्स का तगड़ा जवाब, 'मैं किसी की आई कैंडी नहीं हूं'
वॉशिंगटन। अमेरिका की मशहूर न्यूज एंकर नीना हैरल्सन बचपन से ही जर्नलिस्ट बनना चाहती थीं। उनके दोस्तों की मानें तो उनमें हमेशा से काबिलियत थी कि वही गलत बात का विरोध कर सकें। नीना इस समय सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं और अब उनके दोस्त उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। नीना अमेरिका के डब्लूआरईजी न्यूज चैनल 3 की जर्नलिस्ट हैं और उन्होंने बॉडी शैमिंग करने वाले ट्रोलर्स को तगड़ा जवाब देकर वाहवाही लूटी है। नीना चैनल पर डेब्रेक वीकेंड शो को होस्ट करती हैं और लोगों ने उनके वजन को लोग टिप्पणी की थी।
'मैं एक पत्रकार हूं आई कैंडी नहीं'
नीना के एक शो के बाद यूजर ने कमेंट किया था और लिखा था कि वही टीवी पर काफी भारी नजर आती हैं। इस पर नीना ने उस यूजर का ट्वीट शेयर करते हुए लिखा, 'मेरे शरीर या वजन को लेकर टिप्पणी करना बंद कर दीजिए क्योंकि मैं किसी के लिए आई कैंडी के तौर पर नहीं दिखना चाहती हूं। मैं एक पत्रकार हूं न कि किसी के लिए आई कैंडी।' उन्होंने आगे लिखा, ' कोई भी महिला पत्रकार अपनी बॉडी को लेकर आपकी राय जानने की इच्छुक नहीं है। हम आपकी आई कैंडी नहीं हैं।'
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सवा लाख लोगों ने किया लाइक
नीना ने रविवार को इस ट्वीट का जवाब दिया था और अब तक 1.25 लाख से ज्यादा लोग लाइक कर चुके हैं और 10,000 बार री-ट्वीट किया जा चुका है। नीना भी अपनी ट्वीट पर मिले सकारात्मक जवाब से काफी खुश हैं। नीना ने नवंबर 2016 में को चैनल का ज्वॉइन किया था और यह सीबीएस चैनल से जुड़ा हुआ है। चैनल पर नेक्सस्टार मीडिया ग्रुप का मालिकाना हक है। नीना किसी भी शो पर जाने पहले अपना मेकअप खुद ही करती हैं।
पहले भी कई बार हुआ ऐसा
यह पहली घटना नहीं है और अमेरिका में साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद कई पॉपुलर जर्नलिस्ट्स ने टीवी पर डेब्यू किया। महिला पत्रकारों ने राजनीतिक, आर्थिक, रणनीतिक विचारों वाले शो को होस्ट किया। इसके बाद भी लोगों का रवैया नहीं बदला है। वॉक्स वेबसाइट पर ए. यैरो ने साल 2017 में लिखा था कि जब टीवी पर महिलाओं की बात आती है तो स्क्रीन पर उनके लुक्स पर ही जोर दिया जाता है। उनके लुक्स को ही उनकी जॉब का हिस्सा माना जाता है।
महिलाओं की सफलता के आड़े आता लुक्स
यैरो के मुताबिक महिला पत्रकारों के लिए यह तय कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है कि कब कोई व्यक्ति उन पर टिप्पणी करते हुए सीमा लांघ रहा है। उन्होंने लिखा था कि लुक्स के स्टैंडर्ड महिला और पुरुष पत्रकारों के लिए समान नहीं हैं। ये नियम महिलाओं को सफलता की सीढ़ियां चढ़ने से रोकते हैं।