भीषण युद्ध के 3 दशक बाद वियतनाम जाएगा अमेरिकी जंगी जहाज, चीन में मची खलबली
हनोई। अमेरिका और वियतनाम के रिश्ते दशकों बाद गहरे होते दिख रहे हैं। खबर है कि अमेरिका जल्द ही वियतनाम में अपनी जंगी जहाज भेजने जा रहा है। यह घोषणा अमेरिकी रक्षामंत्री जिम मेटिस की दो दिवसीय वियतनाम यात्रा से ठीक पहले की गई है। ऐसा माना जा रहा है कि जिम मेटिस की वियतनाम यात्रा का पूरा फोकस क्षेत्र में चीन पर होगा, जो कि रीजन में अपनी धौंस जमा रहा है। वियतनाम के रक्षा मंत्रालय ने भी जिम मेटिस की यात्रा की पुष्टि की है। 1975 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है, जब अमेरिका वियतनाम में अपने जंगी जहाज को भेज रहा है। हालांकि, इस बार अमेरिकी जंगी जहाज वियतनाम की मदद के लिए जा रहा है, लेकिन कुछ दशक पहले दोनों देशों के रिश्ते इतने मैत्रीपूर्ण नहीं थे। अमेरिका और वियतनाम के बीच करीब एक दशक तक युद्ध चला था, जिसमें करीब 58 हजार अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। (तस्वीर-सांकेतिक)
अब चीन है वियतनाम के निशाने पर
अमेरिकी जंगी जहाज के स्वागत के लिए वियतनाम में काफी तैयारियां की गई हैं। वियतनाम में इस बात को लेकर खुशी है कि चीन की बढ़ती ताकत के सामने अमेरिका मदद कर रहर है। अमेरिका-जापान-भारत और ऑस्ट्रेलिया साथ मिलकर इंडो-इंडो पैसिफिक रीजन में चीन को चुनौती दे रहे हैं। अमेरिका के साथ जापान-भारत और ऑस्ट्रेलिया भी वियतनाम से अपने रिश्ते प्रगाढ़ रहे हैं। यह इसलिए जरूरी है हो रहा है, क्योंकि समंदर में चीन अपनी साम्राज्यवादी नीतियों से पूरी दुनिया को परेशान कर रहा है।
जब दक्षिण चीन सागर में घुसा था अमेरिकी जहाज
अमेरिकी जंगी जहाज यूएसएस हूपर 17 जनवरी को चीन की इजाजत के बगैर हुयांगयान दाओ के 12 नॉटिकल मील के अंदर तक पहुंच गया था हुयांगयान दाओ साउथ चाइना सी का विवादित एरिया है, जिस पर चीन समेत अलग-अलग राष्ट्र अपना दावा जताते हैं। अमेरिकी जंगी जहाज की इस क्षेत्र में एंट्री पर चीन भड़क गया था और उसने खुलकर अमेरिका को धमकी दे डाली थी कि अगर वह माना तो ड्रैगन साउथ चाइना में अपनी सैन्य ताकत खड़ी कर देगा।
चीनी प्रवक्ता ने विवादित क्षेत्र पर जताया अपना दावा
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ल्यू क्वांग ने अमेरिकी जंगी जहाज के विवादित क्षेत्र में जाने पर कहा था कि हुयांगयान दाओ और इसके आसपास का जलक्षेत्र चीन का है और इसमें कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कोई चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो हम उसका कड़ा प्रतिकार करेंगे।
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