US-तालिबान समझौता: अमेरिका 14 महीने में अफगानिस्तान से हटाएगा फौज
दोहा। अमेरिका और तालिबान बहुप्रतीक्षित शांति समझौते पर शनिवार को दोनों देशों ने दोहा में हस्ताक्षर कर दिए। अगर समझौते के मुताबिक, अमेरिका और इसके सहयोगी 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे। कतर के दोहा में शनिवार को हस्ताक्षर का गवाह बनने के लिए लगभग 30 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विदेश मंत्री और प्रतिनिधि पहुंचे। इससे 18 साल से अफगानिस्तान में चल रहा संघर्ष खत्म होने की उम्मीद जताई जा रही है।
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आधिकारियों के मुताबिक अगर तालिबान अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहे है तो इस बाबत जल्दी ही समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। इसकी घोषणा अमरीका-अफगान की ओर से संयुक्त तौर पर क़ाबुल में घोषणा हुई है। अमरीका-तालिबान समझौता तालिबान की ओर से अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने पर निर्भर है। समझौता के मुताबिक, अमेरिका अफगानिस्तान में सैन्य बलों की संख्या को 8,600 तक कम कर देगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने दोहा में कहा, अफगानिस्तान के साथ ये करार तभी हो पाया जब तालिबान ने शांति का प्रयास किया और अल कायदा के साथ अपने संबंध खत्म किए। यह समझौता इस प्रयास की सच्ची परीक्षा है। हम तालिबान को उनकी प्रतिबद्धताओं के अनुपालन को करीब से देखेंगे और उनके कार्यों के साथ हमारी वापसी की गति को जांचेंगे। इस तरह से हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अफगानिस्तान फिर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का बेस तो नहीं बन रहा है।
घोषणा में कहा गया कि शनिवार को समझौते पर हस्ताक्षर होने के 135 दिन के भीतर आरंभिक तौर पर अमेरिका और इसके सहयोगी अपने 8,600 सैनिकों को वापस बुला लेंगे। अगर तालिबान इस क्षेत्र में शांति स्थापित करेगी। इसमें कहा गया कि इसके बाद ये देश 14 महीने के भीतर अफगानिस्तान से अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लेंगे।
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