
खास प्रोटीन मिलाने से ओमिक्रॉन के खिलाफ बढ़ जाएगी वैक्सीन की क्षमता, रिसर्च में सामने आई बात
नई दिल्ली, 15 दिसंबर: कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने दुनियाभर की टेंशन बढ़ा रखी है। जिसकी चपेट में ऐसे लोग आ रहे, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ले रखी है। हालांकि अभी इसकी मृत्युदर का आंकड़ा बहुत कम है, लेकिन वैज्ञानिक लगातार इससे निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं। अब अमेरिका के शोधकर्ताओं ने ओमिक्रॉन से निपटने के लिए एक बेहतरीन तरीखा खोजा है, जिसके लिए वैक्सीन में सिर्फ एक प्रोटीन जोड़ना होगा। इसके बाद उसकी प्रभावशीलता नए वेरिएंट के खिलाफ भी बढ़ जाएगी।

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए) के शोधकर्ताओं ने अपनी रिसर्च में पाया कि अगर वायरल पोलीमरेज प्रोटीन के एक टुकड़े या घटक का उपयोग वैक्सीन में किया जाए, तो वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ बढ़ जाएगी। इस अध्ययन को सेल रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित किया गया है। ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंता जता चुका है और उसने कहा कि ये वैक्सीन की प्रभावशीलता को कम करता है। साथ ही ज्यादा संक्रामक है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक अधिकांश कोविड -19 टीके एंटीबॉडी का उत्पादन करने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को ट्रिगर करने के लिए SARS-CoV-2 की सतह पर पाए जाने वाले स्पाइक प्रोटीन के एक घटक का उपयोग करते हैं। कोरोना के नए वेरिएंट जैसे ओमिक्रॉन और डेल्टा, जो स्पाइक प्रोटीन में उत्परिवर्तन करते हैं, वो वैक्सीन की क्षमता को ऐसा बना देते हैं कि वो वायरस का पता ही नहीं लगा पाती। ऐसे में पोलीमरेज प्रोटीन को मिलाकर वैक्सीन की कारगरता बढ़ाई जा सकती है।
करण
जौहर
बोले-
8
लोगों
का
इकट्ठा
होना
कोई
पार्टी
नहीं
है,
मेरा
घर
कोरोना
का
हॉटस्पॉट
नहीं
भारत
में
कितने
केस
भारत
में
भी
ओमिक्रॉन
वेरिएंट
तेजी
से
फैल
रहा
है।
बुधवार
को
महाराष्ट्र
में
एक
साथ
4
नए
केस
सामने
आए।
इसमें
दो
ओस्मानाबाद,
एक
मुंबई
और
एक
बुलढाना
से
सामने
आया।
इस
तरह
अब
महाराष्ट्र
में
ओमिक्रॉन
का
आंकड़ा
32
हो
गया
है,
जबकि
राष्ट्रीय
स्तर
पर
ये
आंकड़ा
68
हो
गया।