लीबिया के शरणार्थी स्थल पर हुए हमले की यूएन ने जांच का आदेश दिया
नई दिल्ली। युनाइटेड नेसंश लिबिया में शरणार्थी स्थल पर हुई बमबारी की जांच के लिए स्वतंत्र जांच का बात कही है। इस बमबारी में 44 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 130 लोग गायल हो गए थे। इस हमले को यूएन ने वॉर क्राइम करार देते हुए इसे खूनी संघार करार दिया। बता दें कि इस शरणार्थी केंद्र में तकरीबन 610 लोग रह रहे थे, जब यह बमबारी की गई थी। लीबिया में यूएन द्वारा मान्य गवर्नमेंट ऑफ नेशनल अकॉर्ड यानि जीएनए और इटली के गृहमंत्री मैटियो सलविनी ने इस हमले के लिए खलिफा हफ्तार को जिम्मेदार ठहराया है।
जीएनए त्रिपोली को हफ्तार की लिबियन नेशनल आर्मी से बचाने की लगातार कोशिश कर रही है। 4 अप्रैल को भी यहां हुए हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। एलएनए के प्रवक्ता जनरल खालिद अल महजूब ने शरणार्थी स्थल को निशाना बनाए जाने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि हमने शरणार्थी स्थल को निशाना बनाने का आदेश नहीं दिया था। हालांकि उन्होंने कहा कि हमने तजौरा के पास स्थित आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया था।
यूएन सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरस ने इस हमले की स्वतंत्र जांच की बात कही है। यूएन के प्रवक्ता स्टेफनी डुजारिक ने कहा कि सेक्रेटरी जनरल ने इस हमले की निंदा की है, इसे कड़े शब्दों में वीभत्स घटना बताया है। बता दें कि इस हमले में कई बच्चों, महिलाओं की भी मौत हो गई थी। सिविल वॉर 2011 के बाद अबतक का यह सबसे बड़ा हमला है। इस हमले में दो मिसाइल को शरणार्थी स्थल पर बुधवार की सुबह दागा गया था। इससे पहले एलएनए ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि वह हाल ही में हुए आतंकी हमलों का जवाब देगी।
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