रूस और अमेरिका कोल्ड वॉर के बाद आमने-सामने, क्या फिर होगी जंग?
मास्को। शीत युद्ध के बाद पहली बार यूस-यूके-यूरोप और रूस के साथ खतरनाक गतिरोध देखने को मिल रहा है। ब्रिटेन में अपने ही जासूसों पर रासायनिक हमले का आरोप झेल रहे रूस के खिलाफ पश्चिम के देशों ने मोर्चा खोल रखा है। रूस के खिलाफ लंदन और वॉशिंगटन की कड़ी कार्रवाई के बाद अब पुतिन ने भी यूएस-यूरोप के 150 डिप्लोमेट्स को मास्को छोड़ने का आदेश दिया है। रूस ने तो सेंट पिटर्सबर्ग में स्थित अमेरिकी काउंसलेट को बंद करने का आदेश भी दे दिया है। रूस में स्थित यह काउंसलेट, अमेरिका के सीएटल में स्थित रूसी काउंसलेट से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। वहीं, यूएन ने भी माना है कि दोनों देशों के बीच तनाव अब चरम पर है।
UN ने माना- हालात आउट ऑफ कंट्रोल
यूनाइटेड नेशन्स (UN) के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि पश्चिम और पूर्व के हालात 'अब आउट ऑफ कंट्रोल' हो रहे हैं, जो हमें शीत युद्ध की याद दिला रहे हैं। गुटेरेस ने याद दिलाते हुए कहा कि 1991 में सोवियत संघ के पतन से पहले यह सुनिश्चित किया गया था कि अगर तनाव बढ़ता है तो परिस्थितियां सीमा से बाहर नहीं जाएगी। रूस ने 4 मार्च को ब्रिटेन में जिस नर्व एजेंट का प्रयोग किया था, उसे शीत युद्ध के दौर में रूस के विज्ञानिकों ने ही तैयार किया था।
इसे पश्चिम का ताकतवर संदेश कहते हैं...
पुतिन के 'टिट-फॉर-टेट' वाले कदम से पहले, गुरूवार को ब्रिटेन के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) मार्क सेडविल ने वॉशिंगटन का दौरा किया था, जहां उन्होंने रूस के खिलाफ अमेरिका और यूरोप द्वारा उठाए गए कदम के बाद कहा, 'इसे पश्चिम का ताकतवर संदेश कहते हैं।' अमेरिका ने 60 रूसी डिप्लोमेट्स और रूस के वाणिज्य दूतावास को भी बंद करने के आदेश पहले ही दे दिए हैं। रूस ने फिलहाल पूरे यूरोप को छोड़कर बदले की कार्रवाई करने के लिए लंदन और वॉशिंगटन को फोकस पर रखा है। वहीं, यूरोप की सहानुभूति अभी अपने सहयोगी ब्रिटेन और अमेरिका के साथ है। यूरोप ने भी सेरगेई स्क्रिपल और उनकी 33 वर्षीय बेटी यूलिया (रूसी जासूस) पर अटैक के लिए मास्को को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। यही वजह है कि नाटो (NATO) ने रूसी मिशन से 20 डिप्लोमेट्स को अपने देश लौटने का आदेश दे चुके हैं।
अमेरिका चला रहा है हमारे खिलाफ अभियान- रूस
रूस और पश्चिमी देशों के बीच तनाव हर दिन बढ़ता जा रहा है। रुस के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों ने जिस तरह से हमारे डिप्लोमेट्स का निष्कासन किया है, तो हम भी ऐसी ही अब कार्रवाई करेंगे। लेकिन, रूस उन देशों के खिलाफ बयान देने से बचा है, जिन्होंने नर्व एजेंट की घटना के लिए पुतिन सरकार की निंदा की है। हालांकि, रूस ने अमेरिका के खिलाफ यह आरोप लगाकर विवाद को और ज्यादा बढ़ा दिया है कि उनके देश के खिलाफ वॉशिंगटन एक निंदात्मक अभियान को प्रोत्साहित कर रहा है। अपने बयान में विदेश मंत्रालय ने मांग की है कि वे (अमेरिका) द्विपक्षीय संबंधों को बर्बाद करने के उद्देश्य से अपने बेपरवाही के कार्रवाही को रोक दें।'
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