यूएन ने असांजे को घोषित किया आजाद, आजादी छीनने के लिए हर्जाना देने का आदेश
लंदन। जो जंग पिछले चार वर्षों से विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांजे लड़ रहे थे, उसमें उनको जीत मिल गई है। बीबीसी की जानकारी के मुताबिक यूनाइटेड नेशंस के लीगल पैनल की ओर से उन्हें आजाद करने का फैसला दे दिया गया है।
सिर्फ इतना ही नहीं पैनल ने उनकी आजादी छीनने के एवज में उन्हें हर्जाना देने का आदेश भी दिया है। असांजे इस समय लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में रह रहे हैं।
अमेरिका से लेकर मायावती को सिरदर्द दे चुके हैं असांजे
इससे पहले गुरुवार को खबर आई थी कि यूएन असांजे के इक्वाडोर दूतावास में रहने को फैसले को गलत और अवैध बताया था। स्पीडन के विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि यूएन का कार्यकारी पैनल स्वीडिश ट्रिब्यूनल से अलग फैसले पर पहुंचा है।
जूलियन असांजे पर स्वीडन में रेप का आरोप लगा था। इसके बाद से ही स्वीडन उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा था। असांजे को डर था कि अगर उन्हें स्वीडन प्रत्यार्पित कर दिया गया तो फिर स्वीडन उन्हें अमेरिका को सौंप देगा जहां पर उन्हें 35 वर्ष तक की सजा हो सकती है।
असांजे जून 2012 से दूतावास में रह रहे हैं। सितंबर 2014 में असांजे ने स्वीडन और ब्रिटेन के खिलाफ यूएनडब्लूजीएडी में शिकायत दर्ज कराई थी। असांजे ने दावा किया था कि दूतावास में उनका फंसे रहना अवैध हिरासत की तरह है, जिसे लीगल पैनल ने मान लिया। असांजे को वर्ष 2010 में गिरफ्तार किया गया था।