UN चीफ ने जलवायु परिवर्तन के खतरे को बयां करने के लिए केरल की बाढ़ का उदाहरण
यूनाइटेड नेशंस। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटारेशे ने कहा है कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन अब एक ऐसा खतरा बन गया है, जहां से वापस लौटने का कोई सवाल नहीं होता। गुटारेशे ने इसके साथ ही हाल ही में केरल में आई बाढ़ और पिछले वर्ष प्यूर्टो रिको में आए भयानक तूफान का भी उदाहरण दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर निष्क्रियता के नतीजों को लेकर भी चेतावनी दी है। इसके साथ ही गुटारेशे ने जलवायु परिवर्तन की दिशा बदलने के लिए और ज्यादा प्रभावी नेतृत्व और इच्छा शक्ति की अपील की।
जलवायु परिवर्तन के कारण अस्तित्व पर संकट
गुतारेस सोमवार को जलवायु परिवर्तन पर बोल रहे थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा, 'जलवायु परिवर्तन हमारे समय का एक अहम मुद्दा है और हम एक महत्तवपूर्ण मोड़ पर हैं। हमारे सामने अस्तित्व का संकट है। जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है। ' उन्होंने जलवायु परिवर्तन की दिशा मोड़ने के लिए प्रयास करने की जरूरत बताई। गुटारेशे ने जलवायु संकट को रेखांकित करने के लिए केरल में आई बाढ़ समेत दुनियाभर की विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बेहद गर्मी, जंगलों में आग, तूफान और बाढ़ अपने पीछे मौतों और विनाश की दास्तान छोड़ जाते हैं।
पिछले महीने भारत के केरल राज्य में हालिया इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ आई जिसमें 400 लोगों की मौत हो गई और 10 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए। गुटारेशे ने मारिया तूफान का भी जिक्र किया जिसमें 3,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। यह तूफान पिछले वर्ष प्यूर्टो रिकी में आया था और इसे अमेरिका के इतिहास में सबसे खतरनाक आपदा करार दिया जाता है। उन्होंने कहा, 'इस बात में कोई शक नहीं होना चाहिए कि यह संकट बहुत विनाशकारी संकट है। दुनिया भर में तापमान में इजाफा देख रहे हैं।' इसके साथ ही उन्होंने वर्ल्ड मिटेयोरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन के उस बयान का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि पिछले दो दशकों में सन् 1850 के बाद से सबसे ज्यादा गर्मी पड़ी है।